गोवा आरएसएस प्रमुख सुभाष वेलिंगकर ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ता उनके खिलाफ यह अफवाह फैला रहे हैं कि पिछले साल उपचुनाव में टिकट नहीं मिलने के कारण बदला लेने के इरादे से वह स्कूलों में मातृभाषा को पठन पाठन का माध्यम बनाए जाने के पक्ष में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं, जबकि वह कभी भी पार्टी के सदस्य नहीं रहे।

वेलिंगकर ने मीडिया को बताया, ‘‘कुछ भाजपा कार्यकर्ता अफवाह फैला रहे हैं कि पठन पाठन का माध्यम बनाए जाने के मुद्दे पर राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन में मेरा सक्रिय सहयोग पणजी उपचुनाव में पार्टी टिकट पाने की मेरी नाकाम महत्वकांक्षाओं का नतीजा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘संघ काडर और जो लोग मुझे जानते हैं, वे इसका (अफवाह) मजाक उड़ा रहे हैं। वे जानते हैं कि राजनीति में मेरी कभी दिलचस्पी नहीं रही है। संघ काडर हमेशा से राजनीति के बजाय संघ की गतिविधियों को प्राथमिकता देता रहा है।’’

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के रक्षा मंत्री के पद पर चुने जाने के बाद पणजी में उपचुनाव कराना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘बीबीएसएम (भारतीय भाषा सुरक्षा मंच) के किसी नेता का किसी पार्टी से गठजोड़ नहीं है और अगर ऐसा रहा भी होगा तो वह काफी समय पहले रहा होगा। मैं कभी भी भाजपा का सदस्य नहीं रहा हूं।’.

गोवा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख बीबीएमएस के संयोजक रहे हैं और यह संगठन प्राथमिक शिक्षा में मातृभाषा को पठन पाठन का माध्यम बनाए जाने की मांग को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहा है। उन्होंने अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को मान्यता देने का भी विरोध किया है और इसे रद्द करने की मांग की है। बीबीएमएस ने गुरुवार को कहा था कि वह स्वयं को एक राजनीतिक संगठन के तौर पर स्थापित करने की दिशा में कार्य कर रहा है और अक्तूबर में इसकी घोषणा होगी। वेलिंगकर ने बताया कि यह राजनीतिक दल 2017 के गोवा विधानसभा चुनाव में 40 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ेगा या फिर मातृभाषा को निर्देश का माध्यम बनाने के मुद्दे पर संकल्प जताने वाली पार्टी का समर्थन करेगा।