भारतीय जनता पार्टी ने अगले साल यूपी विधानसभा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए नया प्लान बनाया है। प्लान के तहत भाजपा ने आरएसएस और एबीवीपी से जुड़े नेताओं को कमान सौंपी है। आरएसएस अखिलेश और मायावती के खिलाफ एबीवीपी बैकग्राउंड वाले नेताओं को उतारेगा।

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पार्टी ने पूरे राज्य को छह हिस्सों में बांटा है- अवध, कानपुर-बुंदेलखंड, गोरखपुर, बृज, काशी और पश्चिम। हर क्षेत्र में एक अध्यक्ष होगा, जोकि आरएसएस बैकग्राउंड रखने वाले भाजपा नेता होगा। इसके साथ ही संघ का महासचिव इनका नेतृत्व करेगा। जिन्हें पहले ही चुन लिया गया है। रत्नाकर पांडे(काशी), शिवकुमार पाठक(गोरखपुर), बृज बहादुर(अवध), ओम प्रकाश(कानपुर-बुंदेलखंड), भवानी सिंह(बृज) और चंद्रशेखर(पश्चिम) को चुना गया है।

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इनमें से ज्यादात्तर नेताओं ने एबीवीपी के लिए काम किया है। पार्टी का कहना है कि राज्य में पार्टी के पास कुछ नए चेहरे होंगे। पुराने आरएसएस कार्यकर्ता वीएचपी बैकग्रांउड वाले हैं, जिनमें पार्टी राज्य प्रमुख केशव कुमार मौर्या भी शामिल हैं। इन्होंने राम जन्मभूमि के लिए भी काम किया है। इन्हें अब धीरे-धीरे हटाया जा रहा है और भाजपा एबीवीपी के कार्यकर्ताओं का नया समूह बना रही है। भाजपा का कहना है कि अब पार्टी विकास और आधुनिकता के मुद्दे पर प्रचार करेगी। साथ ही पार्टी सूत्रों ने बताया कि पार्टी एक साफ सुथरी छवि वाले युवा सीएम वाली पार्टी के खिलाफ लड़ रही है। साथ ही एक शिक्षित दलित नेता की पार्टी के खिलाफ भी चुनाव लड़ेगी।