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अगर आप क्रिकेट मैच ध्यान से देखते हैं तो आपको महेंद्र सिंह धोनी की एक आदत जरूर पता होगी। मैच जीतने के बाद धोनी मैदान से स्टंप उखाड़कर ले आते हैं। उनकी इस आदत के पीछे उनके फैंस के बीच कई कहानियां भी बनी हुई हैं। धोनी ने बीसीसीआई टीवी को दिए एक इंटरव्यू में इस आदत के पीछे की वजह का खुलासा किया है।
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इंटरव्यू में धोनी ने कहा कि यह मेरा रिटायरमेंट प्लान है। अच्छी चीज यह है कि मैंने बहुत सारी स्टंप इकट्ठी कर ली हैं और बुरी बात यह है कि मैंने उन पर ऐसा कोई निशान नहीं बनाया, जिससे यह पता लग पाए कि कौनसा स्टंप कौनसे मैच का है। इसलिए क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद मैं मेरे सभी मैचों के वीडियो देखूंगा। वीडियो में स्टंप के स्पॉनर्सस के लोगो को नजदीक से देखकर पता करूंगा कि कौनसा स्टंप कौनसे मैच का है। क्रिकेट के बाद यह मेरा अच्छा टाइमपास होगा।
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धोनी की इस आदत के पीछे उनके कई फैंस ने कहानियां बनाई हुई हैं। कुछ एक का कहना है कि उनकी राशि कर्क है, इस राशि वाले लोग चीजों को इकट्ठा करने की आदत रखते हैं। वहीं इसके पीछे एक मजाकिया कहानी भी बनी हुई है। उनके फैंस का कहना है कि धोनी अपने दोस्त की मदद के लिए स्टंप उखाड़कर रख लेते हैं, ताकि उनका दोस्त अपने घर के बाहर उन्हें लगा सके।
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साथ ही इंटरव्यू में धोनी ने बताया जब मैं कप्तान नहीं था तो सचिन मैच के दौरान मुझसे गेंदबाजी के बारे में पूछते थे। सचिन कई तरह से गेंदबाजी करते थे, ऐसे में वो मुझसे पूछते थे कि किस बल्लेबाज को किस तरह की गेंद डालूं। मेरी मैच की समझ को देखते हुए उन्हें लगता था कि मैं मैच को ध्यान से देखता हूं। उन्होंने मेरी ये आदतें देखते हुए ही समझा होगा कि मैं एक अच्छा टीम लीडर हूं।
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धोनी को वनडे टीम का साल 2007 में कप्तान बनाया गया था और उसके एक साल बाद उन्हें टेस्ट टीम का कप्तान भी बना दिया गया। साल 2007 में ही उन्हें टी-20 टीम का भी कप्तान बनाया गया था। रिंकी पोंटिंग और एलन बोर्डे के बाद धोनी दुनिया के तीसरे ऐसे कप्तान हैं, जिनके नेतृत्व में टीम ने 100 वनडे मैच जीते हैं।
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एक अन्य इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि जब आप क्रिकेट नहीं खेल रहे होते हैं तो समय कैसे बिताते हैं? इस पर धोनी ने कहा कि मैं गानों से बहुत प्यार करता हूं। मुझे बाइक चलाना बहुत अच्छा लगता है। इस दौरान मैं कंप्यूटर गेम्स खेलता हूं। कभी वक्त मिलता है तो बैडमिंटन भी खेल लेता हूं।
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क्रिकेट से पहले धोनी फुटबॉल प्लेयर थे। उन्होंने कई साल फुटबॉल खेला है। ये अपनी टीम के गोलकीपर थे और जिला और राज्य स्तर पर फुटबॉल मैच खेले। धोनी के फुटबॉल कोच ने जब इनसे क्रिकेट खेलने के लिए कहा तो धोनी ने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया।
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उनकी आदत से जुड़ी एक और कहानी मशहूर है कि वे रोजाना चार लीटर दूध पीते हैं। इस पर धोनी का कहना है कि मुझे दूध अच्छा लगता है। मैं हर रोज एक लीटर दूध पीता हूं। पहले मैं केवल खाली दूध पीता था, अब मैं दूध शेक और अन्य रूप में पीने लगा।
