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क्रिकेट के सबसे नए फटाफट वर्जन यानि कि टी-20 ने अपनी शुरूआत से ही हमें कई यादगार और रोमांचक मुकाबले दिए हैं। भारत, जैसी शक्तिशाली क्रिकेट टीम भी बीते कई सालों में अधिक मजबूत और सशक्त टीम के रूप में उभरकर सामने आई है। हाल ही में भारत ने एक बार फिर निदाहस ट्रॉफी-2018 अपने नाम करके दम दिखाया है। फिलहाल हम क्रिकेट के इस फटाफट संस्करण के इतिहास की कुछ यादगार जीतों को याद करेंगे। इस लिस्ट की शुरुआत जोहान्सबर्ग में मिली शानदार जीत से। (फोटो सोर्स- AP)
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आईसीसी वर्ल्ड कप टी-20 फाइनल जोहान्सबर्ग, 2007 : ये टी-20 का सबसे पहला वर्ल्ड कप था भारतीय टीम की कमान युवा और भरोसेमंद महेन्द्र सिंह धोनी के हाथ में थी। जो कि इस मैच में इतिहास लिखना चाहते थे। भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। गौतम गंभीर (75) ने पाकिस्तान की हर गेंद को बखूबी झेला, जबकि बाकी खिलाड़ी आउट होते गए। भारत ने पाकिस्तान को जीत के लिए 157 रनों का लक्ष्य दिया। पाकिस्तान के लिए इमरान नजीर और मिस्बाह-उल-हक ने उस दिन सबसे ज्यादा रन जोड़े। एक वक्त तो ऐसा लगा जैसे उन्होंने भारतीय खिलाड़ियों के मन से जीत के सपने को छीन ही लिया है। लेकिन जोगिन्दर शर्मा की एक सनसनाती गेंद ने पूरे खेल का पासा ही पलट दिया। श्रीसंत ने शॉर्ट फाइन लेग पर मिस्बाह की खेली हुई गेंद को लपक लिया। भारत ने इस मैच में तीन गेंद शेष रहते हुए ही पाकिस्तान से खिताब छीनकर अपने कब्जे में कर लिया था। (फोटो सोर्स- AP)
भारत बनाम श्रीलंका, कोलंबो, 2009 : टी-20 क्रिकेट को सनत जयसूर्या जैसे खिलाड़ियों के लिए आदर्श खेल माना जाता है। क्योंकि, वह शुरू से लेकर अंत तक एक जैसा आक्रामक खेल बनाए रखते हैं। बजाय इसके कि सिर्फ कुछ शॉटस के वक्त ही आक्रामक हुआ जाए। जयसूर्या और तिलकरत्ने दिलशान ने इस मैच में लंका की पारी की शुरूआत से ही धुआंधार बल्लेबाजी शुरू कर दी थी। वहीं भारतीय गेंदबाज इंशात शर्मा, ज़हीर खान के लिए ये मुकाबला नाकों चने चबाने जैसा था। मेजबान श्रीलंका ने भारत के सामने 172 रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया था। जिसे लांघना उस वक्त एवरेस्ट पार करने से भी कठिन था। भारत की मशहूर बल्लेबाजी टीम लंका के गेंदबाजों के सामने ढहती नज़र आने लगी। एक वक्त ऐसा भी आया जब सिर्फ 5 ओवर ही पास में थे और 50 रनों से ज्यादा का लक्ष्य हासिल करना था। लेकिन संकटमोचक बनकर आए इरफान पठान और यूसुफ पठान की आतिशी जोड़ी ने मैदान पर कहर ढा दिया। दोनों भाइयों ने 200 के स्ट्राइक रेट के साथ रन बनाए और जीत को लंकाई चीते के जबड़े से खींच लिया। (फोटो सोर्स- Reuters) भारत का ऑस्ट्रेलिया दौरा, तीसरा टी-20 मुकाबला, सिडनी, 2016 : भारत ने इस सीरीज में पहले से ही अभूतपूर्व बढ़त ले रखी थी। जबकि तीसरे मुकाबले को ऑस्ट्रेलियाई कंगारूओं ने अपनी इज्ज्त बचाने की लड़ाई मान लिया था। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और शेन वॉटसन ने शानदार शतक लगाकर अपनी टीम के स्कोर को 197 तक पहुंचा दिया। जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम के रोहित शर्मा और विराट कोहली ने पचासा ठोंककर जीत को आसान कर दिया। हालांकि ऑस्ट्रेलिया की तुलना में जीत के लिए भारतीय टीम को ज्यादा दौड़भाग करनी पड़ी। भारत की तरफ से सुरेश रैना और युवराज सिंह ने 6 बॉल पर 17 रन जोड़ लिए थे। लेकिन फिर भी रोमांचक मुकाबले में आखिरी गेंद पर जब दो रनों की जरूरत थी तब सुरेश रैना ने आखिरी गेंद पर छक्का मारकर भारतीय टीम की ऐतिहासिक जीत तय कर दी। (फोटो सोर्स- Reuters) -
आईसीसी वर्ल्ड टी-20 बंगलुरू, 2016 : ये मैच विश्व टी-20 मैचों के इतिहास के सर्वश्रेष्ठ मैचों मेंगिना जाता है। इस मैच को दो टीमों के बीच खेले गए सबसे रोमांचक मुकाबलों में भी शामिल किया जाता है। भारत ने इस मैच में बंगलुरू में खेले गए सुपर 10 के ग्रुप दो मुकाबले में आखिरी ओवर में मैच का रुख पलट दिया था। भारत के बल्लेबाजों को दिन के बीच में दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से ऑफ लेना पड़ा और बाद में उन्हें 20 ओवर में सात विकेट के नुकसान पर महज 146 रनों से संतोष करना पड़ा। सुरेश रैना ने भारतीय टीम के लिए सर्वाधिक तीस रन जोड़े थे जबकि बांग्लादेश के गेंदबाजों ने शानदार खेल दिखाते हुए भारतीय दिग्गजों को बैरंग पवेलियन लौटने पर मजबूर कर दिया। वहीं बांग्लादेश के बल्लेबाजों ने सधी हुई शुरूआत की और अपनी टीम को खेल में बनाए रखा। तमीम इकबाल (35) और साबिर रहमान (26) ने भारत को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया। लेकिन खेल का रुख उस वक्त पलट गया जब पारी के आखिरी ओवर में बांग्लादेश को 6 गेंदों पर 11 रनों की जरूरत थी और चार विकेट उनके हाथ में थे। मुशफीकुर रहीम ने हार्दिक पाण्डया की गेंद पर लगातार दूसरी और तीसरी गेंद पर दोहरे चौके जड़कर भारतीय खेमे में तनाव बढ़ा दिया था। अब बांग्लादेश को जीत के लिए तीन गेंदों पर महज दो रनों की जरूरत थी। इसके बाद पाण्डया की गेंदों ने मैच का रुख अचानक पलट दिया जब पहली गेंद पर मुश्फिकर और दूसरी गेंद पर महमूदुल्लाह आउट हो गए। दोनों की बल्लेबाजों ने जल्दीबाजी में शॉट खेलकर मिड विकेट बाउण्ड्री में खड़े खिलाड़ी को आसान कैच थमा दिया। इसके बाद ओवर की ऑखिरी गेंद पर महेन्द्र सिंह धोनी ने चाल दिखाते हुए गेंद को अपने दस्तानों में ले लिया और मुस्तफीजुर रहमान को रन आउट करवा दिया। वहीं बल्लेबाज शुवाग्ता होम गेंद को खेलने में कामयाब नहीं हो सके। (फोटो सोर्स- Reuters)
आईसीसी वर्ल्ड टी20 मोहाली, 2016 : अपनी ही जमीन पर एक और वर्ल्ड कप खेलते हुए भारत पर बेहतर प्रदर्शन करने का भारी दबाव था। बांग्लादेश के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करने के बाद भारत मोहाली के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के सामने था। आशीष नेहरा ने चतुराई से गेंदबाजी की और बेहद किफायती साबित हुए। ऑस्ट्रेलियाई कंगारूओं को इस किफायत की भारी कीमत चुकानी पड़ी। भारतीय टीम के सामने मैच जीतने के लिए सिर्फ 160 रनों का लक्ष्य था। एक बार फिर रोहित शर्मा और शिखर धवन अच्छी शुरूआत करने से चूक गए। लेकिन विराट कोहली ने शानदार खेल का मुजाहिरा किया और 82 रनों की नाबाद पारी खेली। जबकि दूसरे छोर पर उनका साथ नाबाद 21 रनों के साथ युवराज सिंह दे रहे थे। इस मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को जमकर धूल चटाई और जीत का सेहरा अपने नाम कर लिया।(फोटो सोर्स- AP)
