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हिंदू धर्म में नियमित रूप से मां गायत्री की पूजा-आराधना की जाती है। हर मंदिर और शुभ काम में विधि-विधान से पूजा अर्चना के अलावा गायत्री मंत्र का जाप किया जाता है। (Photo: Pexels)
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गायत्री मंत्र को सर्वश्रेष्ठ मंत्रों में से एक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गायत्री मंत्र का जाप करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मुन से दुख, द्वेष, पाप, भय, शौक जैसे नकारात्मक चीजें दूर होती हैं। (Photo: Pexels)
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इसके साथ ही ये भी कहा जाता है कि गायत्री मंत्र के जाप से मनुष्य मानसिक तौर पर जागृत हो जाता है। इसके अलावा ये भी मान्यता है कि इसका नियमित तीन बार जाप करने से नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं। (Photo: Pexels)
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लेकिन क्या आपको पता है कि गायत्री मंत्र किस वेद से लिया गया है। दरअसल, हिंदू धर्म में चार वेद हैं ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद। (Photo: Pexels) प्रेमानंद महाराज ने बताया किन लोगों के नहीं मिलता दान करने का पुण्य
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गायत्री मंत्र- ॐ भूर् भुवः स्वः। तत्सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात्॥ (Photo: Amazon India)
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गायत्री मंत्र का अर्थ है, ‘उस प्राणस्वरूप, दुखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे’। (Photo: Amazon India)
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ये है वो वेद
गायत्री मंत्र ऋग्वेद से लिया गया है। ऋग्वेद, चारों वेदों में सबसे पुराना वेद है। (Photo: Amazon India) प्रेमानंद महाराज ने बताया मन को कैसे कंट्रोल में करें? ये दो चीजें अपना कर जीवन भर रह सकते हैं सुखी