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दिल्ली सिर्फ राजनीतिक राजधानी नहीं, इतिहास और संस्कृति की भी राजधानी है। इसकी हर गली, हर इलाका कोई न कोई किस्सा या कहानी अपने साथ समेटे हुए है। दिल्ली के एक ऐसे ही प्रसिद्ध इलाके का नाम ‘मजनू का टीला’ है, जो अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। (Photo Source: Facebook)
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यह स्थान दिल्ली विश्वविद्यालय के पास स्थित होने के कारण छात्रों और पर्यटकों के बीच एक आकर्षक गंतव्य बन चुका है। यहां की संकरी गलियां, तिब्बती रेस्तरां, मठ, और बाजार इसे और भी खास बनाते हैं। हालांकि, इस इलाके का नाम ‘मजनू का टीला’ पड़ा कैसे, यह सवाल हमेशा लोगों के मन में रहता है। आइए, जानते हैं इस नाम के पीछे की रोचक कहानी और इतिहास। (Photo Source: Facebook)
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मजनू का टीला का नाम कैसे पड़ा?
मजनू का टीला का नाम एक सूफी फकीर से जुड़ा हुआ है। यह जगह 15वीं शताब्दी से प्रसिद्ध है, और इसे सिकंदर लोदी के शासनकाल और गुरु नानक के साथ जुड़ा हुआ माना जाता है। कहा जाता है कि गुरु नानक जब दिल्ली में आए थे, तो उन्होंने यहां एक सूफी फकीर से मुलाकात की थी। (Photo Source: Facebook) -
यह फकीर ईरान का रहने वाला था और यमुना के किनारे एक टीले पर रहा करता था। सूफी होने के कारण लोग उसे ‘मजनू’ कहकर बुलाने लगे थे, और उसी नाम के आधार पर इस इलाके को ‘मजनू का टीला’ कहा जाने लगा। (Photo Source: Facebook)
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कुछ लोग यह मानते हैं कि यह नाम प्रसिद्ध प्रेमी जोड़े लैला-मजनू से जुड़ा हुआ है, लेकिन इतिहासकारों ने इस विचार को नकारा है। इस नामकरण की असली वजह उस सूफी फकीर का रहना है, जिसे लोग मजनू के नाम से जानते थे। (Photo Source: Facebook)
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मजनू का टीला क्यों फेमस है?
मजनू का टीला को ‘दिल्ली का नन्हा तिब्बत’ भी कहा जाता है। यहां की गलियों में घूमते हुए आपको ऐसा महसूस होता है जैसे आप तिब्बत में हैं। यह स्थान तिब्बती संस्कृति और भोजन का अद्भुत मिश्रण प्रस्तुत करता है। (Photo Source: Facebook) -
यहां पर तिब्बती भोजन के रेस्तरां और दुकानों की भरमार है, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। यह जगह खासकर वीकेंड पर घूमने-फिरने के लिए आदर्श मानी जाती है, क्योंकि यहां का माहौल काफी शांतिपूर्ण और रंगीन है। (Photo Source: Facebook)
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मजनू का टीला की गलियों में चलते हुए आप तिब्बती चौराहे तक पहुंच सकते हैं, जहां तिब्बती घंटों की आवाज सुनाई देती है। इसके अलावा, यहां पर आपको तिब्बती कपड़े, सामान और घर की सजावट के लिए भी बहुत सी दुकानें मिलेंगी। यह एक बेहतरीन जगह है जहां आप शांति का अनुभव करते हुए खरीदारी कर सकते हैं। (Photo Source: Facebook)
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मजनू का टीला गुरुद्वारा
मजनू के टीले के पास एक ऐतिहासिक गुरुद्वारा भी है, जिसे ‘मजनू का टीला गुरुद्वारा’ कहा जाता है। इस गुरुद्वारे की स्थापना सिख मिलिट्री लीडर बघेल सिंह धालीवाल ने की थी। इस गुरुद्वारे का नामकरण गुरु नानक जी ने किया था, और यह स्थान धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। यहां पर श्रद्धालु हर रोज आते हैं और शांति और समर्पण के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। (Photo Source: Facebook) -
कैसे पहुंचे मजनू का टीला?
मजनू का टीला दिल्ली मेट्रो की पीली लाइन (लाइन 6) के विधान सभा स्टेशन से करीब 1.8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए आप मेट्रो, ऑटो-रिक्शा या बस का इस्तेमाल कर सकते हैं। (Photo Source: Facebook) -
अगर आप मेट्रो से आते हैं, तो यह सबसे सुविधाजनक तरीका होगा, क्योंकि इसमें ट्रैफिक की समस्या नहीं होती और आप सीधे मजनू का टीला पहुंच सकते हैं। अगर आप अपना वाहन लेकर आ रहे हैं, तो आप दिल्ली के NH-1 या NH-24 से मजनू का टीला पहुंच सकते हैं। (Photo Source: Facebook)
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