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शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर से हो रही है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इसके साथ ही पहले दिन घट स्थापना या कलश स्थापना भी किया जाता है। (Photo: Pexels) क्यों लगाते हैं भगवान पर चंदन का लेप और माथे पर तिलक, सेहत से कैसे जुड़ा है यह अध्यात्म
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लेकिन क्या आपको पता है कि घट स्थापना या कलश स्थापना क्यों किया जाता है। आइए जानते हैं: (Photo: Pexels)
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हिंदी धर्म में कलश को सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य देने वाला और मंगलकारी माना जाता है। कलश के मुख में भगवान विष्णु, गले में रुद्र, मूल में ब्रह्मा तथा मध्य में देवी शक्ति का निवास माना जाता है। नवरात्रि के समय ब्रह्मांड में उपस्थित शक्तियों का घट में आह्वान करके उसे कार्यरत किया जाता है। (Photo: Pexels/Unsplash)
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घट को पानी से भरा जाता है, ऊपर आम के पत्ते और एक नारियल के साथ रखा जाता है। पानी को जीवन का स्त्रोत माना जाता है। घट जीवन की शुरुआत और संसार की निरंतरता का सम्मान है। (Photo: Unsplash) मंदिर या फिर वृक्षों के चारों ओर परिक्रमा क्यों करते हैं? क्या कहते हैं इसे
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मंत्रों और आरतियों के जरिए देवी-देवताओं को इस घट में आह्वान किया जाता है। नारियल और आम के पत्ते समृद्धि और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि कलश स्थापना करने से है घर में नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। (Photo: Pexels)
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हिंदू धर्म में कलश की स्थापना घरों, मंदिरों और अन्य कोई काम शुरू करने से पहले किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार कलश के अंदर जो जल होता है वह हवा को शुद्ध करता है, इसके अंदर की अन्य सामग्रियां बुरी शक्तियों से रक्षा करती हैं। (Photo: Pexels)
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कलश स्थापना के नियम
नवरात्रि में कलश स्थापना करने के पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनना चाहिए। इसके बाद मिट्टी का कलश, मिट्टी का दिया, गंगाजल, पान, सुपारी, इलायची, नारियल, अगरबत्ती, गाय का घी, श्रृंगार का सामान, चुनरी, कुमकुम फल वर फूल आदि एक जगह थाली में इकट्ठा कर लें। (Photo: Unsplash) -
ऐसे करें घट स्थापना इसके बाद एक लकड़ी की चौकी पर लाल रंगा का सूती कपड़ा बिछा दें और उसपर मां दुर्गा की प्रतिमा को रख दें। गंगाजल छिड़ककर कर स्थान को शुद्ध करें। कलश के चारों ओर आम के पत्ते लगाएं। इसके बाद इसपर कलावा बांध दें फिर नारियल रख दें। मिट्टी का बर्तन लें और उसमें मिट्टी से भर दें। इसपर ज्वार और जौ डाल दें। (Photo: Unsplash) शाम के वक्त घर में क्यों जलाया जाता है कपूर का तेल और लौंग
