• English English
  • தமிழ் தமிழ்
  • বাংলা বাংলা
  • മലയാളം മലയാളം
  • ગુજરાતી ગુજરાતી
  • हिंदी हिंदी
  • मराठी मराठी
  • Business Business
  • बिज़नेस बिज़नेस

Jansatta

  • Facebook
  • Twitter
  • Linkedin
  • Instagram
LIVE TV
  • होम
  • ताजा खबर
  • राष्ट्रीय
  • मनोरंजन
  • खेल
  • राज्य
  • फोटो
  • वीडियो
  • आस्था
  • लाइफस्टाइल
  • हेल्थ
  • टेक्नोलॉजी
  • पैसा
  • एजुकेशन
  • ई-पेपर
  • आज की ताजा खबर
  • एशिया कप
  • बिहार चुनाव
  • राशिफल
  • वायरल
  • हिन्दू कैलेंडर
  • आज की ताजा खबर
  • एशिया कप
  • बिहार चुनाव
  • राशिफल
  • वायरल
  • हिन्दू कैलेंडर
  1. Hindi News
  2. Photos
  3. picture gallery
  4. why footwear is forbidden in temples a deep dive into hindu wisdom and science

मंदिर में नंगे पांव क्यों जाते हैं? जानिए इसके पीछे छिपे आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक रहस्य

जब भी हम मंदिर जाते हैं, तो पहला कार्य जो हम स्वाभाविक रूप से करते हैं – वह है अपने चप्पल-जूते बाहर उतार देना। यह परंपरा केवल एक सामाजिक नियम नहीं, बल्कि गहन आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक महत्व रखती है। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों किया जाता है?

By: Archana Keshri
August 6, 2025 14:38 IST
हमें फॉलो करें
  • Real Reason Behind Walking Barefoot in Temples
    1/13

    जब भी हम किसी मंदिर में जाते हैं, तो सबसे पहला कार्य होता है अपने जूते-चप्पल बाहर उतारना। यह क्रिया भले ही साधारण लगती हो, लेकिन इसके पीछे गहरे धार्मिक, सांस्कृतिक, आयुर्वेदिक और वैज्ञानिक कारण छिपे हैं। यह न केवल पवित्रता का प्रतीक है, बल्कि श्रद्धा, विनम्रता और शारीरिक-मानसिक शुद्धि का भी संकेत है। चलिए जानते हैं कि मंदिर में नंगे पैर क्यों जाना चाहिए और यह परंपरा केवल हिंदू धर्म तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य धर्मों में भी इसका पालन होता है। (Photo Source: Unsplash)

  • 2/13

    आध्यात्मिक दृष्टिकोण: ईश्वर से सीधा जुड़ाव
    मंदिर को देवताओं का निवास स्थान माना गया है। जब हम मंदिर में नंगे पांव प्रवेश करते हैं, तो यह हमारे अहंकार, सांसारिक दिखावे और मटेरियलिस्टिक सोच को छोड़ने का प्रतीक होता है। यह भगवान के सामने आत्मसमर्पण की भावना है। यह बताता है कि हम उनके सामने विनम्र होकर, बिना किसी आडंबर के उपस्थित हुए हैं। (Photo Source: Pexels)

  • 3/13

    शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक
    जूते-चप्पलों के साथ हम बाहर की गंदगी, धूल, कीचड़ और नकारात्मक ऊर्जा मंदिर के भीतर ले आते हैं। चूंकि मंदिर को अत्यंत पवित्र स्थान माना गया है, इसलिए वहां प्रवेश करने से पहले हमें अपने पैरों को धोना और जूते बाहर उतारना आवश्यक होता है। इससे हम वातावरण की शुद्धता बनाए रखते हैं और ईश्वर के प्रति सम्मान प्रकट करते हैं। (Photo Source: Unsplash)

  • 4/13

    आयुर्वेद और स्वास्थ्य लाभ
    आयुर्वेद के अनुसार, हमारे पैरों के तलवों में अनेक एक्यूप्रेशर पॉइंट्स होते हैं, जो शरीर के विभिन्न अंगों से जुड़े होते हैं। जब हम मंदिर की ठंडी संगमरमर या पत्थर की जमीन पर नंगे पैर चलते हैं, तो यह पॉइंट्स सक्रिय हो जाते हैं। इससे रक्त संचार सुधरता है, तनाव कम होता है और मानसिक शांति मिलती है। (Photo Source: Unsplash)

  • 5/13

    मूलाधार चक्र का सक्रिय होना
    योग शास्त्र में बताया गया है कि मनुष्य के शरीर में 7 मुख्य चक्र हैं जिनका नाम- मूलाधार चक्र, स्वाधिष्ठान चक्र, मणिपुर चक्र, अनाहत चक्र, विशुद्ध चक्र, आज्ञा चक्र, सहस्त्रार चक्र है। इनमें से मूलाधार चक्र धरती से जुड़ाव और स्थिरता का केंद्र होता है। नंगे पांव चलने से यह चक्र सक्रिय होता है और व्यक्ति मानसिक रूप से अधिक संतुलित महसूस करता है। (Photo Source: Freepik)

  • 6/13

    वास्तु और ऊर्जा का आदान-प्रदान
    प्राचीन मंदिरों का निर्माण वास्तुशास्त्र के अनुसार किया जाता था। मंदिर का गर्भगृह (जहां मूर्ति होती है) सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होता है। नंगे पैर चलने से शरीर सीधे उस ऊर्जा के संपर्क में आता है, जिससे एक विशेष प्रकार की आत्मिक शांति और सकारात्मकता का अनुभव होता है। (Photo Source: Pexels)

  • 7/13

    विनम्रता और अहंकार का त्याग
    जूते-चप्पल केवल वस्त्र नहीं होते, बल्कि कई बार वे हमारे सामाजिक स्तर, स्टेटस और ऐश्वर्य का भी प्रतीक होते हैं। मंदिर में इन्हें उतारना इस बात का संकेत है कि हम अपनी पहचान, अहंकार और भौतिक सुखों को पीछे छोड़कर ईश्वर के सामने समर्पित हो रहे हैं। (Photo Source: Pexels)

  • 8/13

    सामाजिक समता का प्रतीक
    मंदिर में अमीर-गरीब, ऊंच-नीच सभी एक समान नंगे पांव प्रवेश करते हैं। यह परंपरा सामाजिक एकता और समानता की भावना को बढ़ावा देती है। मंदिर का यह नियम हमें यह भी सिखाता है कि ईश्वर के दरबार में सभी समान हैं। (Photo Source: Unsplash)

  • 9/13

    धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख
    मनुस्मृति जैसे धर्मशास्त्रों में भी जूते पहनकर पवित्र कार्य करने को वर्जित बताया गया है। वहीं, अंगिरस स्मृति के अनुसार, यज्ञ स्थल, गौशाला, भोजन कक्ष और पूजा कक्ष में जूते पहनकर जाना निषिद्ध है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह परंपरा प्राचीन समय से ही धार्मिक मान्यताओं का हिस्सा रही है। (Photo Source: Unsplash)
    (यह भी पढ़ें: सिर्फ 5 मिनट ‘ॐ’ के जाप से शरीर में दिखते हैं ये बदलाव, विज्ञान भी रह गया हैरान, रिसर्च में हुए चौंकाने वाले खुलासे)

  • 10/13

    वैज्ञानिक कारण: ऊर्जा प्रवाह और तनाव मुक्ति
    विज्ञान के अनुसार, हमारी धरती पर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक ऊर्जा होती है, जिसे हम नंगे पैर चलकर अवशोषित कर सकते हैं। यह प्रक्रिया ‘Earthing’ या ‘Grounding’ कहलाती है, जिससे हमारे शरीर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलती है और जो तनाव, चिंता और नींद की समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। (Photo Source: Pexels)

  • 11/13

    तापमान और शारीरिक संतुलन
    पत्थर या संगमरमर की ठंडी फर्श पर चलना शरीर को एक प्राकृतिक शीतलता प्रदान करता है, जो गर्मी में विशेष रूप से लाभकारी होता है। इससे शरीर का तापमान संतुलित रहता है और मानसिक शांति मिलती है। (Photo Source: Pexels)

  • 12/13

    धार्मिक आचरण का पहला कदम
    मंदिर प्रवेश से पहले अपने पैरों और हाथों को धोना, और जूते बाहर निकालना पूजा की तैयारी का एक आवश्यक भाग है। यह केवल शारीरिक सफाई नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक शुद्धता की प्रक्रिया है। (Photo Source: Unsplash)

  • 13/13

    अन्य धर्मों में भी परंपरा
    केवल हिंदू धर्म में ही नहीं, बल्कि इस्लाम, बौद्ध धर्म, सिख धर्म और यहां तक कि ईसाई धर्म की कुछ परंपराओं में भी पवित्र स्थलों में प्रवेश से पहले जूते उतारे जाते हैं। यह विश्वभर में ईश्वर और पवित्रता के प्रति सम्मान प्रकट करने की एक सामान्य परंपरा है। (Photo Source: Unsplash)
    (यह भी पढ़ें: मंदिरों की घंटी बजाने का रहस्य – जानिए क्या होता है असर और इसके पीछे का विज्ञान)

TOPICS
Ayurveda
Hindu Temple
Science
Sprituality
Temple
temples
tradition
+ 3 More
अपडेट
रामलीला में मुंह से आग उगलते हुए राक्षस बने कलाकार ने ली एंट्री, हो गई चूक, धू-धू कर जल उठा शरीर और पंडाल, Viral Video
ट्रंप ने शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर को करवाया आधा घंटे इंतजार, दोनों को बताया ‘ग्रेट’
क्या ब्लड शुगर के मरीज नाश्ते में इडली या डोसा खा सकते हैं? एक्सपर्ट से जानिए
Shardiya Navratri 2025: ‘चुनरी चढ़वानी’- पवन सिंह-अक्षरा सिंह की जोड़ी ने मचाया धमाल, नवरात्रि पर वायरल हुआ भोजपुरी गाना
भारत के सबसे पुराने MiG 21 विमान को आज दी जा रही अंतिम विदाई, यहां देखें VIDEO
Asia Cup Final Match: एशिया कप में कब होगा भारत और पाकिस्तान में फाइनल? यहां जानिए तारीख, समय, रिजर्व डे समेत सभी जानकारी
UP Government Jobs 2025: उत्तर प्रदेश सरकार ने दिया विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी का सुनहरा मौका, जानें कहां, कब और कैसे करें अप्लाई
सबसे ज्‍यादा पढ़ी गई
बिहार चुनाव: पीएम मोदी ने शुरू की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना, बोले- बहन-बेटियां अब आत्मनिर्भर होंगी
मुंह के छालों से बुरा हाल है, जीभ पर पानी भी चुभता है, आचार्य बालकृष्ण के इन नुस्खों से करें तुरंत इलाज
पीरियड्स के दौरान दर्द से आराम पाने के खाएं ये 5 मिठाइयां, रेसिपी के साथ जानें खाने के फायदे | Desserts For Period Pain
लखनऊ में डिलीवरीमैन की हत्या के बाद तनाव, प्रेमिका के घर वालों ने शादी की बात करने के बहाने बुलाया था घर
फोटो गैलरी
9 Photos
बच्चों की फेवरेट होती हैं यह सात चीजें, कन्या पूजन में आईं कन्याओं को दे सकते हैं गिफ्ट
4 minutes agoSeptember 26, 2025
10 Photos
इन सात आदतों की मदद से बिना जिम गए 21 दिन में घटा सकते हैं वजन
1 hour agoSeptember 26, 2025
10 Photos
गीता उपदेश: जब जीवन में छा गया है अंधेरा तो याद रखें गीता के ये 10 उपदेश, एक दिन सितारों की तरह चमकने लगेंगे
2 hours agoSeptember 26, 2025
और पढ़ें
Trending Topics
  • राष्ट्रीय
  • मनोरंजन
  • खेल
  • व्यापार
Trending Stories
  • रामलीला में मुंह से आग उगलते हुए राक्षस बने कलाकार ने ली एंट्री, हो गई चूक, धू-धू कर जल उठा शरीर और पंडाल, Viral Video
  • ट्रंप ने शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर को करवाया आधा घंटे इंतजार, दोनों को बताया ‘ग्रेट’
  • क्या ब्लड शुगर के मरीज नाश्ते में इडली या डोसा खा सकते हैं? एक्सपर्ट से जानिए
  • Shardiya Navratri 2025: ‘चुनरी चढ़वानी’- पवन सिंह-अक्षरा सिंह की जोड़ी ने मचाया धमाल, नवरात्रि पर वायरल हुआ भोजपुरी गाना
  • भारत के सबसे पुराने MiG 21 विमान को आज दी जा रही अंतिम विदाई, यहां देखें VIDEO
  • Asia Cup Final Match: एशिया कप में कब होगा भारत और पाकिस्तान में फाइनल? यहां जानिए तारीख, समय, रिजर्व डे समेत सभी जानकारी
  • UP Government Jobs 2025: उत्तर प्रदेश सरकार ने दिया विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी का सुनहरा मौका, जानें कहां, कब और कैसे करें अप्लाई
  • बिहार चुनाव: पीएम मोदी ने शुरू की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना, बोले- बहन-बेटियां अब आत्मनिर्भर होंगी
  • मुंह के छालों से बुरा हाल है, जीभ पर पानी भी चुभता है, आचार्य बालकृष्ण के इन नुस्खों से करें तुरंत इलाज
  • पीरियड्स के दौरान दर्द से आराम पाने के खाएं ये 5 मिठाइयां, रेसिपी के साथ जानें खाने के फायदे | Desserts For Period Pain
Follow Us
  • Facebook
  • Twitter
  • Linkedin
  • Instagram
Download Apps
  • Play_stor
  • Apple_stor
Express Group
  • The Indian Express
  • The Financial Express
  • Loksatta
  • IeTamil.Com
  • IeMalayalam.Com
  • IeBangla.Com
  • ieGujarati.com
  • InUth
  • IE Education
  • The ExpressGroup
  • Ramnath Goenka Awards
Quick Links
  • T&C
  • Privacy Policy
  • Latest News
  • Contact Us
  • About US
  • This Website Follows The DNPA’s Code Of Conduct
Copyright © 2025 The Indian Express [P] Ltd. All Rights Reserved

  • होम
  • ताजा खबर
  • राष्ट्रीय
  • मनोरंजन
  • खेल
    • क्रिकेट
    • लाइव क्रिकेट स्कोर
  • राज्य
  • फोटो
  • वीडियो
  • आस्‍था
  • लाइफस्टाइल
  • हेल्थ
  • टेक्नोलॉजी
  • एजुकेशन
  • जुर्म
  • वेब स्टोरी
  • पॉडकास्ट
  • जनसत्ता ई-पेपर
  • ऑटो
  • अंतरराष्ट्रीय
  • ट्रेंडिंग
  • व्यापार
  • विचार
  • राजनीति
  • राशिफल
  • Shorts
  • रील
  • जनसत्ता स्पेशल
  • हमसे संपर्क करें:
  • T&C
  • Privacy Policy
  • About US