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एक रुपये का सिक्का भले ही आर्थिक दृष्टि से बहुत बड़ी राशि न हो, लेकिन भारतीय घरों में इसका भावनात्मक महत्व काफी ज्यादा होता है। शगुन में देना हो या फिर किसी शुभ काम की शुरुआत, एक रुपये का सिक्का आज भी अपनी पहचान बनाए हुए है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस छोटे से सिक्के को बनाने में सरकार को कितना खर्च आता है? (Photo Source: Unsplash)
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एक RTI के जवाब में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने खुलासा किया कि एक रुपये के सिक्के को तैयार करने में औसतन ₹1.11 खर्च होता है, यानी इसकी कीमत से 11 पैसे ज्यादा। यह बात हैरान कर सकती है कि जिस सिक्के की बाजार में कीमत ₹1 है, उसे बनाने का खर्च उससे ज्यादा है। (Photo Source: Unsplash)
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फिर क्यों बनाए जाते हैं एक रुपये के सिक्के?
हालांकि ₹1 के सिक्के की लागत उसकी कीमत से अधिक है, फिर भी सरकार इन्हें बनाना बंद नहीं करती क्योंकि सिक्के देश के मौद्रिक ढांचे का एक जरूरी हिस्सा हैं। इसके अलावा इसके कई कारण हैं, जैसे:-
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लेन-देन में संतुलन – सिक्कों का इस्तेमाल ट्रांजैक्शन के सबसे निचले स्तर पर होता है – जैसे कि सब्जी वाले, बस कंडक्टर, रेलवे टिकट, दुकान का चेंज देना आदि। ये सिक्के दैनिक जीवन में छोटे-छोटे लेन-देन के लिए जरूरी होते हैं। (Photo Source: Unsplash)
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आर्थिक स्थिरता – मुद्रा प्रणाली में निरंतरता बनाए रखने के लिए सभी मूल्यवर्ग के सिक्कों का प्रचलन जरूरी है। (Photo Source: Unsplash)
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सांकेतिक महत्व – भारतीय समाज में ₹1 का सिक्का ‘शगुन’ और शुभ अवसरों का प्रतीक है। यह सांस्कृतिक रूप से भी अहमियत रखता है। (Photo Source: Pexels)
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लंबे समय तक चलने वाला – नोट की तुलना में सिक्के ज्यादा टिकाऊ होते हैं और लंबे समय तक चल सकते हैं। इस लिहाज से यह निवेश फायदेमंद भी हो सकता है। (Photo Source: Unsplash)
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सिक्कों की मिंटिंग पर आंकड़े
RTI से यह भी पता चला कि एक रुपये के सिक्कों की मिंटिंग यानी ढलाई में पिछले कुछ वर्षों में भारी गिरावट आई है। वर्ष 2015-16 में जहां 2151 मिलियन सिक्के ढाले गए थे, वहीं 2023-24 में यह संख्या घटकर 630 मिलियन रह गई। सिक्कों की मांग घटने और डिजिटल पेमेंट बढ़ने की वजह से सरकार ने मिंटिंग की रफ्तार धीमी कर दी है। (Photo Source: Unsplash) -
अन्य सिक्कों की लागत
RTI के तहत हैदराबाद मिंट ने अन्य सिक्कों की लागत भी बताई: ₹2 का सिक्का – ₹1.28, ₹5 का सिक्का – ₹3.69, ₹10 का सिक्का – ₹5.54। स्पष्ट है कि सभी सिक्कों को बनाने की लागत उनकी असल कीमत से काफी ज्यादा है। (Photo Source: Unsplash) -
कौन बनाता है सिक्के और नोट?
भारत में सिक्के और ₹1 का नोट भारत सरकार द्वारा बनाए जाते हैं, जबकि ₹2 से लेकर ₹500 तक के नोट भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा छापे जाते हैं। (Photo Source: Pexels) -
RBI की सहायक संस्था भारतीय रिज़र्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (BRBNMPL) नोट छापने का काम करती है, जबकि सिक्कों की ढलाई इंडियन गवर्नमेंट मिंट (IGM) मुंबई और हैदराबाद जैसे शहरों में होती है। (Photo Source: Pexels)
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नोट छापने की लागत
हर नोट को छापने में भी अलग-अलग खर्च आता है: ₹10 के 1000 नोट: ₹960, ₹100 के 1000 नोट: ₹1770, ₹200 के 1000 नोट: ₹2370, ₹500 के 1000 नोट: ₹2290, और ₹2000 के एक नोट की छपाई में लागत: ₹4 (अब बंद कर दिया गया है)। (Photo Source: Unsplash)
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