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हिंदू धर्म में कई नदियों का विशेष महत्व है। कई नदियों के जल को काफी पवित्र माना गया है। कहते हैं गंगा नदी में अगर स्नान करें तो सारे पापों से मुक्ति मिल सकती है। (Photo: Indian Express)
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भगवान शंकर की जटा से निकली गंगा नदी का जल सबसे पवित्र माना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि भगवान शंकर ने किस नदी को श्राप दिया था और क्यों? (Photo: ChatGPT)
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दरअसल, शंकर भगवान ने सरयू नदी को श्राप दिया था। इसे घाघरा के नाम से भी जाना जाता है। सरयू नदी उत्तर प्रदेश के अयोध्या से होकर बहती है और हिंदू धर्म में भी इसका खास महत्व है। (Photo: Indian Express)
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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस नदी में स्नान करने से पाप तो धुल जाते हैं लेकिन किसी भी प्रकार का पुण्य आपको नहीं मिलता है। (Photo: Indian Express) भगवान कृष्ण ने कौरवों से पांडवों के लिए कौन से 5 गांव मांगे थे, अब क्या है इनका नाम
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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सरयू नदी भगवान विष्णु के नेत्रों से प्रकट हुई थी। एक समय शंखासुर दैत्य ने वेदों को चुरा लिया और इसे समुद्र में छिपा दिया। इन वेदों की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया और उन्होंने समुद्र से सभी वेदों को सुरक्षित निकाल लिया। (Photo: Indian Express)
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जब भगवान विष्णु खुश हुए तो उनके आंसू निकल आए जिसे ब्रह्माजी ने एक मानसरोवर में डाल दिया। इस सरोवर से महापराक्रमी वैवस्वत महाराज ने एक बाण के प्रहार से धरती के बाहर निकाला जिसे सरयू नदी कहा गया। (Photo: Indian Express)
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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम की प्रिय नदी सरयू थी और इस नदी में उन्होंने समाधि लेकर अपनी लीला का अंत किया था। इसी के चलते भगवान शंकर सरयू नदी से काफी नाराज हो गए। (Photo: Indian Express)
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क्रोधित होकर भगवान शंकर ने सरयू नदी को श्राप दिया कि तुम्हारा जल कभी भी पूजा-पाठ या शुभ कार्यों में उपयोग नहीं किया जाएगा। यही वजह है कि आज भी इस नदी के जल को किसी भी शुभ काम में इस्तेमाल नहीं करते हैं। (Photo: ChatGPT) कितने बड़े हैं महादेव के भक्त, बताएं ‘शिव तांडव स्तोत्र’ किस वेद में लिखा है?
