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महाभारत का युद्ध कई वजहों से हुआ था जिसमें से एक बड़ा कारण जमीन या राज्य के बंटवारे को लेकर भी था। (Photo: chatGPT)
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्रीकृष्ण पांडवों की ओर से शांति दूत बनकर हस्तिनापुर गए थे। (Photo: chatGPT)
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युद्ध टालने के लिए हस्तिनापुर में श्रीकृष्ण ने कौरवों से पांडवों के लिए 5 गांव मांगे थे। उनके इस प्रस्ताव को दुर्योधन ने ठुकरा दिया था जिसके बाद युद्ध शुरू हुआ। (Photo: chatGPT)
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लेकिन क्या आपको पता है कि ये कौन से गांव थे और आज इनका क्या नाम है? नहीं तो आइए जानते हैं:(Photo: Bing AI Image) कितने बड़े हैं महादेव के भक्त, बताएं ‘शिव तांडव स्तोत्र’ किस वेद में लिखा है?
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने कौरवों से पांडवों के लिए पहला गांव इंद्रप्रस्थ मांगा था जिसे आज हम देश की राजधानी दिल्ली के नाम से जानते हैं। (Photo: Bing AI Image)
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भगवान श्रीकृष्ण ने दुर्योधन से दूसरा गांव बागप्रस्थ मांगा था जिसे आज बागपत नाम से जानते हैं। (Photo: Bing AI Image)
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कौरवों से तीसरा गांव भगवान श्रीकृष्ण ने तिलप्रस्थ मांगा था जिसे तिलपत (फरीदाबाद) कहते हैं। (Photo: Bing AI Image)
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चौथा गांव भगवान श्रीकृष्ण ने स्वर्णप्रस्थ मांगा था जिसके आज हम सोनीपत नाम से जानते हैं। (Photo: Bing AI Image)
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अंतिम और पांचवां गांव भगवान श्रीकृष्ण ने कौरवों से पांडवों के लिए पानप्रस्थ मांगा था जिसे आज पानीपत कहते हैं। (Photo: Bing AI Image) कर्ण के धनुष का क्या था नाम? उठाते ही चारों ओर बन जाता था अभेद घेरा
