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देशभर के ज्यादातर राज्यों में मॉनसून की बारिश हो रही है। हालांकि, कई राज्यों में बारिश आफत बनकर बरस रही है। केरल के वायनाड में भारी बारिश के कारण हुए लैंडस्लाइड में सैकड़ों लोगों की जान चली गई। इस घटना ने हमें भारत के भयानक अतीत की याद दिला दी है, जब इसी तरह की प्राकृतिक आपदाओं ने न केवल संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया था, बल्कि हजारों लोगों की जान भी ले ली थी। चलिए जानते हैं प्रकृति के प्रकोप से कब-कब और कितने लोगों की जान गई।
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Guwahati Landslide (1948)
सितंबर 1948 में असम के गुवाहाटी में हुए लैंडस्लाइड में पूरा का पूरा एक गांव दफन हो गया था, जिसमें 500 से अधिक लोग मारे गए थे। -
Darjeeling Landslide (1968)
अक्टूबर 1968 में, पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में बाढ़ के कारण लैंडस्लाइड हुआ, जिससे 60 किमी लंबा नेशनल हाइवे 91 भागों में टूट गया। इस हादसे में 1000 से ज्यादा लोग मारे गये थे। -
Mapla Landslide (1998)
अगस्त 1998 में अविभाजित उत्तर प्रदेश के मापला में सात दिनों तक लगातार हुए एक के बाद एक लैंडस्लाइड में 380 से अधिक लोग मारे गए और एक पूरा गांव नष्ट हो गया था। -
Kedarnath Landslide (2013)
जून 2013 में उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ और लैंडस्लाइड हुए, जिससे 5700 से अधिक लोग मारे गए और 4200 से अधिक गांव पानी में बह गए थे। -
Malin Landslide (2014)
जुलाई 2014 को भारी बारिश के कारण भारत के मालिन गांव में लैंडस्लाइड हुआ, जिसमें 151 लोगों की मौत हो गई थी। -
Manipur Landslide (2023)
अगस्त 2023 में भारी बारिश के कारण मणिपुर में लैंडस्लाइड हुआ जिसमें 40 से ज्यादा लोग मारे गए थे। -
Wayanad Landslide (2024)
30 जुलाई को केरल के वायनाड में दो बड़े लैंडस्लाइड हुए। लैंडस्लाइड में वायनाड के 4 गांव मलबे में तब्दील हो गई, जिनमें से लोगों को निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रगति के साथ मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस हादसे अब तक 308 लोगों की मौत हो चुकी है।
(Photos Source: REUTERS)
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