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केरल के वायनाड में 30 जुलाई की सुबह लैंडस्लाइड हुआ। हादसे को 4 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक मलबे से मरे और जिंदा लोगों के निकलने का क्रम जारी है। अब भी सैकड़ों लोग मलबे में फंसे हैं। केंद्र सरकार ने राज्य को हर संभव मदद का भरोसा दिया है।
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वायनाड में भारतीय सेना रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। बचावकर्मियों की 40 टीम लैंडस्लाइड प्रभावित क्षेत्रों के छह जोन मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव में पीड़ितों की तलाश कर रही हैं।
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हादसे में अब तक मरने वालों की संख्या 300 से ऊपर पहुंच गई है। 100 से ज्यादा लोग अस्पताल में हैं, जबकि हादसे के चार दिन बाद भी 200 से भी ज्यादा लोग लापता है।
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सेना अब मोबाइल के लास्ट लोकेशन के हिसाब से लोगों को ढूंढने का काम कर रही है। सेना व बचाव दल युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं। बरसात की एक रात और लगातार 2 लैंडस्लाइड ने चार गांव को तबाह कर दिया है।
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पहला लैंडस्लाइड देर रात करीब दो बजे हुआ और उसके बाद तड़के साढ़े चार बजे अगला भूस्खलन हुआ। इस प्राकृतिक आपदा की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बचावकर्मियों को नदियों और कीचड़ में लोगों के क्षत-विक्षत शरीर के अंग मिल रहे हैं।
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चारो तरफ सिर्फ बर्बादी का मंजर नजर आ रहा है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण काफी संख्या में मकान नष्ट हो गए, जलाशयों में पानी भर गया और पेड़ उखड़ गए। इस त्रासदी में मारे गए लोगों की सही संख्या का पता लगाना अभी भी बहुत मुश्किल है।
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मृतकों की संख्या अभी बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि कई लोग अभी भी लापता हैं। वहीं, मौसम विभाग ने आज यानी 2 अगस्त को वायनाड में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
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बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए त्रिशूर, मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में स्कूल, कॉलेज और ट्यूशन सेंटर सहित सभी शैक्षणिक संस्थानों में आज छुट्टी की घोषणा की गई है। (PTI Photos)
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