उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन एक बार फिर बेतुके फरमान को लेकर सुर्खियों में हैं। express.co.uk की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि किम जोंग उन ने देश में होनी वाली सभी शादियां और अंतिम संस्कार रोकने का फरमान सुनाया है। -
खबर है कि तानाशाह ने यह तुगलकी फरमान इसलिए सुनाया है, क्योंकि इस हफ्ते उनकी ताजपोशी होने जा रही है। बीते चार सालों में किम जोंग उन ने नॉर्थ कोरिया के सर्वोच्च नेता के तौर पर खुद को स्थापित कर लिया है और अब आधिकारिक तौर पर उनकी ताजपोशी होनी है।
6 मई से होने वाले उनकी पार्टी के सम्मेलन के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, इसमें हजारों डेलिगेट्स शामिल होने के लिए प्योंगयांग पहुंचने वाले हैं। उत्तर कोरिया की राजधानी में इस समय बेहद कड़े सुरक्षा प्रबंध किए जा रहे हैं। समारोह में किसी प्रकार की बाधा न पहुंचे, इसलिए शादी और अंतिम संस्कार दोनों पर एक हफ्ते के लिए रोक लगा दी गई है। -
अपनी सनक के लिए कुख्यात किम जोंग उन के बारे में कहा जाता है कि वह छोटी छोटी बातों पर अपने ही साथियों और रिश्तेदारों को मरवा देते हैं।
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दो साल पहले नॉर्थ कोरियाई लड़की योनमी पार्क ने अपने देश और यहां के तानाशाह किम जोंग उन की क्रूरता के दिल दहला देने वाले किस्से बयां किए थे। उसने बताया था कि हॉलीवुड या फिर दूसरे देशों की मूवी देखने पर यहां गोली मार दी जाती है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि 2014 में किम जोंग उन ने अपने देश के रक्षा मंत्री को Anti-Aircraft Gun से सिर्फ 100 फीट दूर खड़ा करके गोलियां चलवा दी थीं। उस रक्षा मंत्री की ग़लती सिर्फ इतनी थी कि वह किम जॉन्ग उन की मौजूदगी में एक सैन्य कार्यक्रम के दौरान सो गए थे। -
2011 में सत्ता संभालने के बाद से किम-जोंग-उन अपने राजनीतिक विरोधियों और सत्ता को चुनौती देने वाले करीब 70 से ज़्यादा नेताओं और अधिकारियों को मौत के घाट उतार चुके हैं।
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उत्तरी कोरिया में मौजूद Camps और अलग-अलग जेलों में क़रीब 2 लाख लोगों को बंधक बना कर रखा गया है। इन्हीं में से एक कैम्प से अचानक 30,000 बंधक ग़ायब हो गए। वर्ष 2013 में आई human rights abuses की रिपोर्ट के मुताबिक किम जॉन्ग उन के कार्यकाल के दौरान 1 लाख 20 हज़ार राजनेताओं को अलग-अलग जेलों में बंद कर दिया गया।
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वर्ष 2012 में उत्तर कोरिया में 17 बंधकों को सरेआम मौत के घाट उतार दिया गया, जबकि वर्ष 2013 में ये आंकड़ा 80 तक पहुंच गया।
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वर्ष 2011 में आई UNICEF की रिपोर्ट कहती है कि उत्तरी कोरिया की कुल ढाई करोड़ की आबादी में से 60 लाख लोग ऐसे हैं जिनके पास खाने के लिए दो वक्त की रोटी भी नहीं है यानी एक चौथाई लोग भूखे पेट सोते हैं।
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साल 2014 में योनमी पार्क नाम की नॉर्थ कोरियाई शरणार्थी ने डबलिन में वन यंग वर्ल्ड समिट में जब स्पीच देनी शुरू की, तो उसके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। उसने बताया कि मौजूदा लीडर किम जोन्ग उन के पिता के शासन में उसकी फैमिली और उसके दोस्तों की बहुत बुरी हालत हो गई थी। जब वह 13 साल की थी तब उसकी मां ने उसे तस्करों से बचाने के लिए खुद अपने साथ रेप की सहमति दे दी थी। इसके बाद उसने अपने परिवार के साथ देश छोड़ दिया था। पार्क अभी अमेरिका में रह रही हैं और सोशल एक्टिविस्ट हैं।
