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हिंदू धर्म में प्रतीकों का विशेष महत्व है। ये केवल चिन्ह नहीं होते, बल्कि गहरी आध्यात्मिक सोच, जीवन मूल्यों और ब्रह्मांडीय सत्य को दर्शाते हैं। ‘ॐ’ की पवित्र ध्वनि से लेकर ‘कल्पवृक्ष’ तक, हर प्रतीक हमें आस्था, संतुलन, शुद्धता, भक्ति और समृद्धि का संदेश देता है। ये प्रतीक हमें यह सिखाते हैं कि कैसे जागरूकता, कृतज्ञता और ईश्वर के प्रति सम्मान के साथ जीवन जिया जाए। आइए जानते हैं हिंदू धर्म के सात प्रमुख धार्मिक प्रतीकों और उनके आध्यात्मिक अर्थ के बारे में-
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ॐ (Om)
ॐ हिंदू धर्म का सबसे पवित्र और मूल मंत्र है। इसे ब्रह्मांड की प्रथम ध्वनि माना जाता है। यह ब्रह्म यानी परम सत्य का प्रतीक है। ॐ का उच्चारण मन को शांति देता है और ध्यान के दौरान एकाग्रता बढ़ाता है। यह आत्मा और परमात्मा के मिलन का संकेत है। (Photo Source: Unsplash) -
स्वस्तिक (Swastika)
स्वस्तिक हिंदू धर्म का एक अत्यंत शुभ प्रतीक है। यह सौभाग्य, समृद्धि, शांति और कल्याण का प्रतीक माना जाता है। स्वस्तिक की चार भुजाएं चार वेदों- ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद का प्रतिनिधित्व करती हैं। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत स्वस्तिक से करना शुभ माना जाता है। (Photo Source: Pexels) -
त्रिशूल (Trishul)
त्रिशूल भगवान शिव का प्रमुख अस्त्र है। यह सृष्टि, पालन और संहार के संतुलन को दर्शाता है। साथ ही यह तीन गुणों- सत्व, रजस और तमस पर नियंत्रण का प्रतीक भी है। त्रिशूल हमें जीवन में संतुलन और संयम बनाए रखने की प्रेरणा देता है। (Photo Source: Pexels) -
कमल (Lotus)
कमल का फूल पवित्रता, सौंदर्य और आत्मिक जागरण का प्रतीक है। यह कीचड़ में उगकर भी निर्मल रहता है, जिससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि संसार में रहते हुए भी आत्मा को शुद्ध रखा जा सकता है। माता लक्ष्मी को कमल पर विराजमान दिखाया जाता है, जो समृद्धि और सौभाग्य की देवी हैं। (Photo Source: Unsplash) -
शंख (Shankha)
शंख का प्रयोग पूजा-पाठ के दौरान किया जाता है। इसे फूंकने से निकलने वाली ध्वनि वातावरण को शुद्ध करती है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है। शंख को विजय, पवित्रता और ॐ की ध्वनि का प्रतीक माना जाता है। (Photo Source: Unsplash) -
कलश (Kalash)
कलश आमतौर पर तांबे, पीतल या चांदी के बर्तन का होता है, जिसमें जल भरा जाता है। इसके ऊपर नारियल और आम या पान के पत्ते लगाए जाते हैं। यह समृद्धि, जीवन, शक्ति और देवी-देवताओं के आह्वान का प्रतीक है। किसी भी शुभ संस्कार में कलश की स्थापना अनिवार्य मानी जाती है। (Photo Source: Unsplash) -
कल्पवृक्ष (Kalpavriksha)
कल्पवृक्ष को हिंदू धर्म में इच्छापूर्ति करने वाला दिव्य वृक्ष माना गया है। यह आशा, प्रचुरता, उदारता और शुभ इच्छाओं की पूर्ति का प्रतीक है। पुराणों के अनुसार, यह समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुआ था और देवताओं का पवित्र वृक्ष माना जाता है। (Photo Source: Unsplash)
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