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भारत में दिवाली का पर्व हर साल धूमधाम से मनाया जाता है, और इस बार भी लोगों ने इसे बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाया। लेकिन इस उत्सव की चमक-धमक और पटाखों की आवाज के बाद सड़कों पर पटाखों का कचरा एक गंभीर समस्या बनकर उभरता है। (PTI Photo)
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इस बार दिवाली 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को मनाई जा रही है, और पहले ही दिन के बाद देशभर के शहरों की सड़कों पर पटाखों के अवशेष और कचरे का ढेर देखने को मिला। (PTI Photo)
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लोगों ने जश्न में पटाखों का धुआंधार इस्तेमाल किया, जिसके बाद सड़कों पर जलाए गए पटाखों का अवशेष, कागज और प्लास्टिक के टुकड़े बिखरे पड़े नजर आए। (PTI Photo)
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यह दृश्य न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि सफाई व्यवस्था के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। पटाखों के धुएं से हवा में कई हानिकारक गैसें घुल जाती हैं, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। (PTI Photo)
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ये प्रदूषक तत्व बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर बुरा असर डालते हैं, खासकर जिन्हें सांस की बीमारियां हैं। (PTI Photo)
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इसके अलावा पटाखों का जलाना वातावरण में ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ाता है, जो पशुओं और वृद्ध लोगों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। (PTI Photo)
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वहीं अब 1 नवंबर को भी कई जगहों पर दिवाली मनाई जाएगी, जिससे अगले दिन यह कचरा और बढ़ने की संभावना है। (PTI Photo)
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