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Raja Bhaiya Father Uday Pratap Singh: राजा भैया 1993 के बाद जितने भी चुनाव लड़े सबमें उन्हें विजय हासिल हुई। वह हर बार निर्दलीय ही लड़े और जीते। हालांकि सपा और भाजपा सरकार में वह मंत्री भी रहे। मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh yadav) और कल्याण सिंह (Kalyan Singh) के साथ उनके अच्छे संबंध थे। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी उन्हें अपनी सरकार में मंत्री बनाया था। हालांकि मायावती (Mayawati) से रघुराज प्रताप सिंह (Raghuraj Pratap Singh) का हमेशा 36 का आंकड़ा रहा। मायावती ने ना सिर्फ उन्हें बल्कि उनके पिता महाराज उदय प्रताप सिंह को भी जेल की सैर करा दी थी।
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मायावती ने साल 2002 में राजा भैया और उनके पिता पर कार्रवाई करते हुए उन्हें गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार करवा दिया। करीब साल भर तक पिता पुत्र जेल की हवा खाते रहे।
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2003 में जब मुलायम सिंह यादव के हाथ में सत्ता आई तब जाकर कुंडा के इस शाही पिता-पुत्र की जोड़ी को थोड़ी राहत मिली।
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यूं तो राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह भदरी रियासत के महाराज हैं। लेकिन पुलिस फाइल में उनका नाम शातिर अपराधी के तौर पर दर्ज है।
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राजा भैया के पिता के बारे में पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज है कि वो 20 सदस्यों वाले अपराधी गिरोह के सरगना हैं। यूपी पुलिस के मुताबिक उदय प्रताप सिंह ख़तरनाक हथियारों से ख़ुद को सुसज्जित करना पसंद करते हैं।
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राजा भैया के पिता ने आज तक कभी वोट नहीं डाला। ना तो अपने बेटे के लिए कभी भी चुनाव प्रचार ही किया।
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पुलिस रिकॉर्ड में राजा भैया के पिता के बारे में लिखा गया था कि आज के इस आजादी के युग में वह अपना अलग राज्य स्थापित करना चाहते हैं। बता दें कि उदय प्रताप सिंह अपनी कट्टर हिंदू छवि के लिए भी चर्चित हैं।
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Photos: Social Media
