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कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने दो दिन के केदारनाथ दौरे के दौरान राज्य की जनता और चारधाम की यात्रा पर आए तीर्थयात्रियों को सुरक्षित यात्रा का भरोसा दिलाया। कांग्रेस नेता ने गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक का 21 किलोमीटर का पैदल सफर तय किया। (फ़ोटो-पीटीआई)
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राहुल ने कहा कि मैंने आज तक किसी भी मंदिर में अपने लिए कोई मन्नत नहीं मांगी। बकौल राहुल वे जब बाबा केदारनाथ के दर्शन करने के लिए मंदिर के अंदर गए तो उन्हें असीम ऊर्जा और शक्ति प्राप्त होने का अहसास हुआ। (फ़ोटो-पीटीआई)
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राहुल गांधी ने कहा कि हरीश रावत सरकार और उनके अफसरों, पुलिसवालों और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान व सेना के जवानों ने केदारनाथ तक रास्ता सुगम बनाने के लिए कड़ी मेहनत की। इन सब लोगों को धन्यवाद देने के लिए वे केदारनाथ आए हैं। (फ़ोटो-पीटीआई)
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केदार यात्रा के दौरान राहुल गांधी बीच-बीच में रुक कर गांव वालों से मिले और उनकी समस्याओं को सुना। गांव वालों ने राहुल गांधी को बताया कि इस पर्वतीय क्षेत्र में रोजगार के अवसर कम हैं। रास्ते में सेना के बैंड की धुन पर राहुल और रावत थिरके भी। (फ़ोटो-पीटीआई)
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राहुल गांधी ने कहा कि उनके केदारनाथ मंदिर पैदल आने के लिए दो कारण थे। पहला जलप्रलय के दौरान जान गंवाने वालों के प्रति सम्मान व्यक्त करना। मैं 2013 में यहां आया था और जो कुछ यहां हुआ, वह मैंने खुद देखा था। मैंने सोचा कि अगर मैं हेलिकॉप्टर से केदारनाथ जाता हूं तो यह उनका निरादर होगा। मैंने सोचा कि जिस तरह वे श्रद्धालु यहां आए थे, मुझे भी उसी तरह यहां आना चाहिए। (फ़ोटो-पीटीआई)
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दूसरा कारण था कि यहां कई लोग काम करते हैं। यहां कुली हैं जो आपके कैमरे ले कर आए हैं। वे सामान और लोगों को लाते हैं। वे यहां बहुत कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं और डरे हुए हैं। उनके डर का कारण यहां हुई त्रासदी है और पर्यटक भी डरे हुए हैं। मेरे पैदल आने से उनका डर थोड़ा तो कम होगा। (फ़ोटो-पीटीआई)
