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पनामा की लॉ फर्म Mossack Fonseca के लीक हुए पेपर्स में दुनियाभर के कई हस्तियों के नाम हैं। पनामा पेपर्स के नाम के इस लीक के जरिए खुलासा हुआ है कि कई दिग्गजों ने टैक्स हेवन देशों में सीक्रेट फर्म खोली। इसके लिए उन्होंने Mossack Fonseca को हायर किया। इस लीक में 11 मिलियन पेपर उजागर हुए हैं।
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कुशल पाल सिंह: रियल एस्टेट कंपनी डीएलफ के प्रमोटर हैं। केपी सिंह की पत्नी इंदिरा उस कंपनी (वाइल्डर लिमिटेड) में शेयर होल्डर हैं जो ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में रजिस्टर्ड है। सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से लैंड डील को लेकर सिंह का नाम सुर्खियों में रहा था। 2011 में सिंह फोर्ब्स की ‘रिचर लिस्ट’ में 130 वें नंबर पर थे।
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महानयक अमिताभ बच्चन की फाइल फोटो।
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लिओनल मैसी पनामा पेपर्स लीक के अनुसार उन्होंने टैक्स धोखाधड़ी के लिए पनामा की कंपनी मेगा स्टार एंटरप्राइजेज कंपनी का सहारा लिया। इस मामले में उनके पिता का नाम भी शामिल हैं। मैसी अर्जेंटीना के फुटबॉलर हैं। वे स्पेनिग क्लब बार्सिलोना की ओर से खेलते हैं।
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बेनजीर भुट्टो: पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो का नाम भी इन लीक्स में हैं। इसके अनुसार बेनजीर भुट्टो, उनके साथी अब्दुल रहमान मलिक और भतीजे हसन अली जाफरी भुट्टो पेट्रोलाइन इंटरनेशनल इंक के नाम से कंपनी बनाई। बाद में तीनों पर संयुक्त राष्ट्र संघ के इराक के लिए तेल के बदले अनाज कार्यक्रम में इसी नाम की कंपनी के जरिए ठेका लेने का आरोप लगा था।
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शिशिर के बाजोरिया: जूट और चाय का कारोबार करने वाले कोलकाता के सबसे पुराने व्यापारियों में से एक। वे एसबी बाजोरिया ग्रुप के प्रमोटर भी हैं। बाजोरिया हेप्टिक लिमिटेड के बेनेफिशियल ओनर हैं। यह कंपनी ब्रिटिश वर्जिन आर्इलैंड में स्थापित हुई है। इसकी स्थापना 2015 में माेसेक फोंसिका ने की थी। बाजोरिया पहले सीपीआईएम से जुड़े हुए थे। लेकिन अब वे भाजपा के सदस्य हैं। विधानसभा चुनावों में वे भाजपा का प्रचार भी कर रहे हैं।
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रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथी: पनामा पेपर्स लीक के अनुसार पुतिन का नाम सीधे तौर पर इस लिस्ट में नहीं है लेकिन उनके बेहद करीबियों ने फर्जी कंपनियों के जरिए करीब 2 बिलियन डॉलर का टैक्स बचाया।पुतिन के एक कारोबारी दोस्त का नाम इस लिस्ट में है। पुतिन के बेटी के गॉडफादर कहे जाने वाले एक शख्स भी लिस्ट में हैं।
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हरीश साल्वे: भारत के सबसे मशहूर वकीलों में से एक। 1999 से 2002 के बीच में देश के सॉलीसिटर जनरल भी रहे थे। पनामा पेपर्स लीक के अनुसार साल्वे और उनके परिवार के तीन सदस्यों ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में तीन कंपनियां रजिस्टर कराईं थीं। इनमें से एक कंपनी में हरीश साल्वे निदेशक थे।
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नवाज शरीफ: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बेटों हुसैन और हसन के अलावा बेटी मरियम नवाज ने टैक्स हेवेन माने जाने वाले ब्रिटिश वर्जिन आयलैंड में कम से कम चार कंपनियां शुरू कीं। इन कंपनियों से इन्होंने लंदन में छह बड़ी प्रॉपर्टीज खरीदीं। शरीफ फैमिली ने इन प्रॉपर्टीज को गिरवी रखकर डॉएचे बैंक से करीब 70 करोड़ रुपए का लोन लिया। (फाइल फोटो)
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ओंकार कंवर: जे एंड एस सिस्टम्स कॉर्पोरेशन (ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स)। इनकी कंपनी अपोलो टायर्स बनाती है। इन्होंने 2010 में जे एंड एस कॉर्पोरेशन नाम से कंपनी और 2014 में दो ट्रस्ट बनाए। इनका रजिस्ट्रेशन भी ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स में है।
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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनकी फैमिली का भी पनामा के बैंक से कुछ लिंक है। उनके ब्रदर इन लॉ डेंग जियागुई का नाम भी पनामा पेपर्स लीक में शामिल हैं। सितम्बर 2009 में डेंग ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड स्थित दो कंपनियों के निदेशक बने।
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अनुराग केजरीवाल: भारत की लोकसत्ता पार्टी की दिल्ली शाखा के अध्यक्ष अनुराग केजरीवाल का नाम भी इस सूची में हैं। उन्होंने ब्रिटिश वर्जिन अाइलैंड में लौह अयस्क कंपनी बनाई। 2007 में यह कंपनी बनाई गई।
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समीर गहलोत: रियल एस्टेट ग्रुप इंडियाबुल्स के प्रमोटर हैं। 2014 में समीर उनके पिता बलवान सिंह और भाई नागेंद्र तब चर्चा में आए जब उन्होंने लंदन में 87444 स्केवेयर फीट की प्रॉपर्टी अक्वायर की। इनकी तीन फर्म ब्रिटेन, बहामास और न्यूजर्सी में बताई गई हैं।
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प्रभाष सांखला: प्रभाष सांखला रिटायर सरकारी अधिकारी हैं। पनामा पेपर्स के अनुसार वे लोटस हॉरिजोन एस कंपनी में डायरेक्टर हैं। इसमें उनका नाम और पता भी दर्ज है। उनकी बेटी और दामाद का नाम भी इसमें दर्ज है। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं केवल मानद डायरेक्टर हूं। मेरे दामाद की कनाडा और अमेरिका में एविएशन कंपनी है। मेरा इससे कोई लेना देना नहीं है। नोटिस मिलेगा तो जवाब दे दूंगा।
गौतम और करण थापर: दोनों बृज मोहन थापर के बेटे हैं। 1999 में थापर ग्रुप के बंटवारे के बाद दोनों के पास क्रॉम्पटन ग्रीव्ज कंपनी का मालिकाना हक है। करण साल 2000 से क्रॉम्पटन ग्रीव्ज के निदेश हैं। वहीं गौतम चाचा ललित मोहन के साथ बल्लारपुर इंडस्ट्रीज लिमिटेड में काम किया। 2005 में ललित मोहन ने कामकाज गौतम को सौंप दिया। मोसेक फोंसेका के दस्तावेजों के अनुसार गौतम और करण ने 2005 में पनामा में प्राइवेट फाउंडेशन खोला था। गौतम ने चार्लवुड फाउंडेशन खोला। उनकी पत्नी स्टेफनी प्रिंसीपल बेनेफिशयरी हैं। वहीं करण ने निकाेम फाउंडेशन खोला। इस बारे में गौतम थापर के प्रवक्ता ने कहा कि उन्हाेंने ऐसी कोई कंपनी नहीं खोली। हालांकि उनकी पत्नी इसमें शामिल थी लेकिन वही ब्रिटेन में रहती हैं। वहीं करण थापर की ओर से जवाब नहीं आया। (तस्वीर में गौतम थापर) -
अश्विनी कुमार मेहरा: इनके नाम से बहामाज और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में सात संपत्तियां हैं। मेहरासंस ज्वैलस के मालिक अश्विनी कुमार के साथ उनके बेटे दीपक और नवीन ज्वैलर्स बिजनेस में साझेदार हैं। मेहरा परिवार ने 1999 में सात कंपनियां रजिस्टर कराईं। इनमें अश्विनी कुमार, उनकी पत्नी माला रानी, बेटे दीपक व नवीन, बहू पूजा और शालिनी को डायरेक्टर बताया गया है। इस बारे में दीपक मेहरा ने बताया कि हां उनका परिवार दो कंपनियों में शेयरहोल्डर हैं। लेकिन ये कंपनियां लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत बनाई गई थी। नियमानुसार ही इनमें निवेश किया गया। परिवार के सभी सदस्यों की इनकम टैक्स फाइल में भी इसका जिक्र किया गया है। हालांकि उन्होंने कहा कि आपके द्वारा बताई गई अन्य कपंनियों से हमारा कोई लेना देना नहीं है। (Photo: Mossack Fonseca office)
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माइकल प्लाटिनी: प्लाटिनी ने 2007 में पनामा में कंपनी बनाई। इसी साल वे यूईएफए के अध्यक्ष बने। वे फ्रांस के मशहूर फुटबॉल खिलाड़ी रह चुके हैं। वर्तमान में वे फीफा से जुड़े हुए थे। हालांकि उन्हें 20 लाख डॉलर लेने के मामले में 6 साल के लिए निलंबित किया जा चुका है।
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सतीश गोविंद समतानी, विश्लव बाहादुर और हरीश मोहनानी: मोसेक फोन्सेका के रिकॉर्ड के अनुसार इनके नाम पर दो कंपनियां ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में रजिस्टर हैं। तीनों बेंगलुरु के रहने वाले हैं। तीनों रेडिमेड कपड़ों के काराबोर से जुड़े हुए हैं। खुलासे के बारे में बहादुर ने कहा कि विदेशी व्यापार के लिए ये कंपनियां बनाई गई थी। लेकिन अब इन्हें बंद कर दिया गया है। जब कंपनियां अस्तितव में थी तब सारे नियमों को पालन किया गया। (तस्वीर में Mossack Fonseca का दफ्तर)
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गौतम सींगल: पंचकुला में रहने वाले सींगल पेशे से इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट और आईटी कंसल्टेंट हैं। पनामा पेपर्स के अनुसार उन्होंने खुद को 400 मिलियन डॉलर की इक्विटी फर्म से जुड़़ा हुआ बताया। उन्हाेंने 2006 में सबसे पहले कंपनी खोली जिसका 2009 में नाम बदल दिया गया। उन्होंने कहा कि कंपनी से उनका कोई वास्ता नहीं है। ये मेरे पिता की कंपनी है। सींगल ने कहा कि अब ये कंपनी शायद बंद हो चुकी है।
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इन लोगों के साथ ही सऊदी अरब के किंग, हॉलीवुड स्टार जैकी चैन, मिस्र के पूर्व तानाशाह होस्नी मुबारक, लीबिया के पूर्व तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी और सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद की फैमिली का नाम भी इन पेपर्स में हैं।
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विवेक जैन: विवेक जैन मध्य प्रदेश में कृषि यंत्र की दुकान चलाते हैं। रिकॉर्ड के अनुसार वे एक कंपनी में डायरेक्टर जबकि दूसरी में शेयरहोल्डर थे। एक कंपनी ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड और दूसरी हांगकांग में रजिस्टर्ड हैं। उन्हाेंने बताया कि उन्हें इन कंपनियों के बारे में कुछ नहीं पता। यदि मेरे नाम से कोई कंपनी थी तो मुझे जानकारी तो होनी चाहिए थी।
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रंजीत दहुजा, कपिल सैन गोयल: दोनों बर्कले ऑटोमोबाइल्स चलाते हैं। इनके पास चंडीगढ़ में टाटा मोटर्स् और ह्यूंडई की डीलरशिप हैं। दोनों का नाम ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड स्थित एक कंपनी में डायरेक्टर के रूप में हैं। इस बारे में उन्होंने कहा कि हमने कुछ साल पहले यह कंपनी बनाई थी। हालांकि इसने कामकाज शुरू नहीं किया था।
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अशोक मल्होत्रा: वे ब्रिटिश वर्जिन आर्इलैंड में स्थापित एक कंपनी में डायरेक्टर थे। दस्तावेजों के अनुसार ब्रिटिश नागरिक संदीप रस्तोगी इस कंपनी के पहले निदेशक थे। बाइ में मल्होत्रा बने। उनका जवाब आया कि उन्हें अब कुछ याद नहीं। इस मामले को काफी वक्त हो चुका है। संदीप रस्तोगी मेरे दोस्त हैं।
