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इम्प्लॉइज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) ने एक मई 2016 से ‘वन इम्प्लॉइज-वन ईपीएफ अकाउंट’ लॉन्च किया है। यह नई पहल इसलिए की है, ताकि कर्मचारी नौकरी बदलते समय अपने पिछले पीएफ अकाउंट का पैसा ट्रांसफर कराने को प्रेरित हों, जिससे कि रिटायरमेंट के वक्त वे खाली हाथ न रह जाएं। आमतौर पर कर्मचारी नौकरी बदलने के साथ ही पीएफ का पैसा निकाल लेते हैं। ‘वन इम्प्लॉइज-वन ईपीएफ अकाउंट’ के जरिए किस प्रकार अपना पीएफ खाते का पैसा घर बैठे आसानी से ट्रांसफर करा सकते हैं, जानते हैं:
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इसकी मदद से कर्मचारी पिछले पीएफ अकाउंट का पैसा मौजूदा अकाउंट में ट्रांसफर करा सकते हैं। ये अकाउंट्स यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) से जुड़े रहेंगे।
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आपको सबसे पहले अपना एक्टिवेटेड UAN और मौजूदा UAN से लिंक किया हुआ पीएफ नंबर डालना होगा। इसके साथ EPFO पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर भी दर्ज करना होगा।
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UAN नंबर और पीएफ नंबर आपकी सेलरी स्लिप पर ही लिखे होते हैं। यदि आपका UAN पहले से एक्टिवेट है, तो सिर्फ आपको वन टाइम पासवर्ड (OTP) की डालना होगा और आप अगले पेज पर चले जाएंगे।
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अगले पेज पर जाने के बाद पिछले पीएफ अकाउंट की जानकारी भरनी होगी, जिससे आप अपने वर्तमान अकाउंट में पैसा जमा कराना चाहते हैं। नई सुविधा के तहत आप पिछले 10 पीएफ अकाउंट तक ऐड कर सकते हैं।
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जो भी जानकारी भरेंगे, वह EPFO ऑफिस चली जाएगी, जहां आपके पिछले पीएफ का पैसा जमा है। EPFO ऑफिस के लोग आपकी पिछली कंपनी से संपर्क करेंगे और वेरिफिकेशन के बाद पैसा ट्रांसफर हो जाएगा।
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EPFO के रीजनल ऑफिस के कर्मचारी आपके संपर्क में रहेंगे। यदि पीएफ का पैसा ट्रांसफर करने के लिए जरूरी प्रक्रिया में आपको कोई दिक्कत आती है तो वे आपकी मदद करेंगे।
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हालांकि, पीएफ का पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर करने की सुविधा पहले से उपलब्ध थी। लेकिन इसका लाभ EPFO डेटाबेस में दर्ज सूचना और कंपनी के डिजिटल सिग्नेचर के बिना नहीं लिया जा सकता था।
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यरमेंट फंड बॉडी कर्मचारियों को सलाह दे रही है कि वे अपने सभी पीएफ अकाउंट नंबर्स को UAN के साथ लिंक करें। EPFO कोशिश कर रहा है कि पीएफ अकाउंट की पहचान के प्राथमिक स्रोत के तौर पर आधार को मान्य कर दिया जाए।
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UAN को अक्टूबर 2014 में लॉन्च किया गया था, जिससे कि नौकरी बदलने पर कर्मचारी पीएफ आसानी से वर्तमान अकाउंट में ट्रांसफर करा लें। सभी एक्टिव सब्सक्राइवर्स को जो UAN दिया गया है, उसे आधार, पैन कार्ड और बैंक अकाउंट के साथ लिंक करने की भी जरूरत है।
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हर कर्मचारी की बेसिक सेलरी से 12 प्रतिशत रकम पीएफ में डाली जाती है और इतना ही शेयर कंपनी को भी देना होता है।