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रामायण महाकाव्य के रचयिता महर्षि वाल्मीकि ने अपने ग्रंथ में लिखा है कि भगवान श्री राम में वैदिक सनातन धर्म की आत्मा कहे जाने वाले सभी गुण विद्यमान हैं। भगवान राम को पुरुषों में सबसे उत्तम पुरुष अर्थात् ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ भी कहा जाता है। (Photo: Pexels)
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जब भगवान श्रीराम की बात होती है तो रावण की भी बात होती है और साथ में भगवान राम के चमत्कारिक धनुष की भी चर्चा होती है। भगवान राम ने इसी धनुष से कई दानवों का वध किया था। बाली से लेकर रावण तक जैसे महान योद्धाओं का उन्होंने इसी धनुष से संहार किया था। (Photo: Indian Express)
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हिंदू धर्म को मानने वाले दिन में एक बार जरूर भगवान राम का नाम लेते होंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि भगवान राम के धनुष का क्या नाम था। उनके इस धनुष की कई कहानियां भी हैं। (Photo: Pexels)
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भगवान राम और उनके तीन भाइयों लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न को धनुष बाण के साथ अन्य शस्त्रों को चलाने की शिक्षा गुरु वशिष्ठ ने दी थी। (Photo: Indian Express) रोज करते होंगे गायत्री मंत्र का जाप, पता है किस वेद में लिखा है?
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इसी धनुष की मदद से भगवान राम ने लंका जाने के लिए समुद्र पर तीर छोड़ कर उसके पानी को सुखा दिया था। इसके साथ ही वनवास में रहते हुए उन्होंने कई राक्षसों का भी इसी धनुष से वध किया था। साथ ही उन्होंने रावण की सेना का भी इसी धनुष से संहार किया था। (Photo: Indain Express)
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प्रभु श्रीराम अपने समय के जाने माने धनुर्धर थे। उनके धनुष को उनके अलावा कोई छू भी नहीं सकता था। (Photo: Pexels)
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भगवान श्रीराम के धनुष का नाम ‘कोदंड’ था जिसका अर्थ है बांस से बना हुआ। कोदंड एक चमत्कारिक धनुष था जिसे हर कोई धारण नहीं कर सकता था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कोदंड को भगवान श्रीराम ने खुद ही बनाया था। (Photo: Indian Express)
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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कोदंड ऐसा धनुष था जिसका छोड़ा गया बाण अपने लक्ष्य को भेदकर ही वापस आता था। (Photo: Pexels) प्रेमानंद महाराज ने बताया मन को कैसे कंट्रोल में करें? ये दो चीजें अपना कर जीवन भर रह सकते हैं सुखी