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Mulayam Singh Yadav Vs Dhananjay Singh: धनंजय सिंह की गिनती यूपी के बाहुबली राजनेताओं में होती है। उनपर हत्या और हत्या के प्रयास जैसे कई आपराधिक मुकदमे दर्ज है। मायावती (Mayawati) की बसपा (BSP) से लोकसभा सांसद रहे धनंजय सिंह ने अपनी दबंग छवि को अपनी राजनीतिक पारी में खूब भुनाया। वह अपनी इसी छवि के साथ विधानसभा और लोकसभा तक पहुंचे। 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी धनंजय सिंह ने अपनी जीत का पूरा प्लान बना रखा था। लेकिन तब मुलायम सिंह यादव ने उनकी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया था।
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धनंजय सिंह ने अपनी राजनीतिक पारी साल 2002 में शुरू की। तब वो जौनपुर के रारी से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीते। फिर 2007 में जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर विधानसभा पहुंचे। 2008 में धनंजय बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल हुए और 2009 में बसपा के टिकट पर जौनपुर से सांसद चुने गए। 2011 में मायावती ने उन्हें बसपा से निष्कासित कर दिया।
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2012 के चुनाव में धनंजय ने अपनी पूर्व पत्नी डॉक्टर जागृति सिंह को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर खड़ा किया लेकिन वे हार गईं। (यह भी पढ़ें: 10 साल में 3 बार दूल्हा बने मायावती के ये पूर्व सांसद, एक ने की सुसाइड तो दूसरी पत्नी से हुआ तलाक)
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फिर 2014 में लोकसभा और 2017 में विधानसभा में भी धनंजय ने जौनपुर से हाथ आजमाया लेकिन हर बार हार का सामना करना पड़ा।
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2014 के मोदी लहर में उनकी नैया डूबी तो वहीं 2017 में मुलायम सिंह यादव ने उनका खेल बिगाड़ दिया। दरअसल 2017 में धनंजय जिले की मल्हनी सीट से मैदान में उतरे थे। तब जातीय समीकरण और प्रदेश के राजनीतिक हालात देखते हुए उनकी जीत तय मानी जा रही थी।
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तब सपा अपने अंदरूनी कलह से जूझ रही थी। अखिलेश यादव के परिवार में भी काफी उथल पुथल थी। तब मुलायम सिंह यादव ने खुद को चुनाव से एकदम दूर कर लिया था। (यह भी पढ़ें: शादी के 9 दिन बाद ही हो गई थी पति की हत्या, झाड़ू-पोंछा करने वालीं पूजा ने खत्म कर दिया था अतीक का करियर)
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2017 में मुलायम सिर्फ दो जगहों पर अपने लोगों के लिए वोट मांगने पहुंचे थे। उनमें से एक थे मल्हनी से ही सपा के प्रत्याशी पारस नाथ यादव। मुलायम के वहां पहुंचते ही सारा खेल बदल गया।
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मल्हनी पहुंच मंच से सपा के प्रत्याशी पारसनाथ यादव के पक्ष में प्रचार करते हुए मुलायम ने सिर्फ़ इतना कहा था कि हम पारस के लिए आए हैं, आप लोग इन्हें जिताएं। इसके बाद पूरा खेल पलट गया और जो सीट धनंजय के कब्जे में दिख रही थी वो पारस यादव को मिल गई।(यह भी पढ़ें: जिस पर लगा था पति के मर्डर का आरोप उन्हीं से रचाई है शादी, चर्चित राजघराने की बहू हैं BJP नेत्री)
