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बाबा महादेव की नगरी काशी की सैर के लिए आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक अब क्रूज की सवारी भी कर सकेंगे। 15 अगस्त से पांच सितारा सुविधाओं से लैस क्रूज पर्यटकों को गंगा जी, बनारस के घाटों और काशी के औघड़ सौंदर्य का दर्शन करवाएगा। क्रूज के संचालन के लिए वन विभाग समेत सभी सरकारी विभागों ने भी अपनी सहमति दे दी है। इस क्रूज का नाम अलखनंदा काशी है। इस पांच सितारा सुविधाओं वाले लग्जरी क्रूज में बैठकर बनारस धाम की सुबह और शाम की गंगा आरती का दिव्य अनुभव पर्यटकों को कभी न भूलने वाला अनुभव देगा। पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना स्टार्टअप इंडिया के तहत कोलकाता की नार्डिक क्रूजलाइन को पहला क्रूज उतारने की अनुमति मिली है। ये क्रूज फिलहाल अस्सी घाट से पंचगंगा घाट के बीच चलेगा। इस डबल डेकर क्रूज को चलाने के लिए अस्सी घाट पर जेट्टी बनाई जा रही है। फोटो- Facebook/Hridyesh Rai
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पर्यटकों की मांग और गंगा में जलस्तर ठीक रहने पर कैथी स्थित मार्कंडेय महादेव से लेकर मिर्जापुर के चुनार तक चलाने की योजना है। आईडब्ल्यूएआई क्रूज संचालन में सहयोग करेगा। फोटो- Facebook/Hridyesh Rai
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नॉर्डिक क्रूजलाइन के निदेशक विकास मालवीय ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि काशी में यह पहला क्रूज है जो प्रतिदिन चलेगा। अस्सी से पंचगंगा घाट तक संचालन होगा। पर्यटकों की मांग पर इसका दायरा बढ़ाया जा सकता है। फोटो— Facebook/Hridyesh Rai
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डबल डेकर क्रूज अलखनंदा गंगा का प्रथम तल वातानुकूलित होगा। द्वितीय तल पर रेस्टोरेंट और फोटोग्राफी के लिए ओपेन एरिया है। क्रूज में सैलानियों को काशी व घाटों की महत्ता का वीडियो दिखाया जायेगा। इसमें संगीत संध्या का भी आयोजन होगा। फोटो- Facebook/Hridyesh Rai
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पिछले हिस्से में बने रैंप पर धार्मिक आयोजन हो सकेंगे। एक साथ 125 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। पर्यटकों को बनारसी खान-पान का भी आनंद मिलेगा। क्रूज पर सफर के लिए 750 रुपये के साथ जीएसटी जोड़कर शुल्क देना होगा। फोटो— Facebook/Hridyesh Rai
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क्रूज से भ्रमण के दौरान पर्यटकों को अस्सीघाट पर सुबह-ए-बनारस में एक साथ योग, शास्त्रीय संगीत एवं वेद ऋचाओं का पाठ सुनाई देगा। तुलसी घाट, हरिश्चंद्र घाट, केदारघाट से लेकर अहिल्याबाई घाट तक इतिहास की समृद्ध परंपरा के साथ प्रभाती वेला में काशी की अल्हड़ दिनचर्या भी दिखेगी। फोटो- Facebook/Hridyesh Rai
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शाम को चार घाटों भैसासुर, ललिता, दशाश्वमेधघाट पर होने वाली गंगा आरती, मानमंदिर महल की ऐतिहासिकता, पंचगंगाघाट, राजाघाट पर पेशवा कोठी, चेतसिंह घाट पर ऐतिहासिक चेतसिंह किला एवं महाश्मशान मणिकर्णिकाघाट की पौराणिकता एवं ऐतिहासिकता की जानकारी मिलेगी। फोटो— एक्सप्रेस आर्काइव।
