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दुनिया रहस्यों से भरी हुई है। कई बार ऐसे किस्से सामने आते हैं जो हमें हैरान कर देते हैं। ऐसा ही एक रहस्य छिपा है भारत के केरल राज्य के एक छोटे से गांव में, जहां जुड़वां बच्चों का जन्म आम बात है। यह गांव है मलप्पुरम जिले का कोडिन्ही (Kodinhi), जिसे अब लोग ‘ट्विन्स टाउन’ के नाम से जानते हैं। यहां के हर दूसरे घर में जुड़वां बच्चे मिल जाएंगे और यही वजह है कि यह गांव दुनियाभर में मशहूर है। (Photo Source: Nischay Koushal/Facebook)
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गांव में 550 से ज्यादा जुड़वां
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोडिन्ही गांव में करीब 2000 परिवार रहते हैं और यहां अब तक 550 से ज्यादा जुड़वां जोड़े जन्म ले चुके हैं। 2008 में जब पहली बार यहां का डेटा सामने आया तो लगभग 280 जुड़वां जोड़े दर्ज किए गए थे, लेकिन अब यह संख्या दोगुनी हो चुकी है। (Photo Source: Nischay Koushal/Facebook) -
हैरानी की बात यह है कि यहां जुड़वां बच्चों का सिलसिला तीन पीढ़ियों से लगातार जारी है। भारत में जहां औसतन 1000 बच्चों में से केवल 9 जुड़वां जन्म लेते हैं, वहीं इस गांव में यह आंकड़ा 1000 पर 45 जुड़वां बच्चों का है। यही कारण है कि यह गांव भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में चर्चा का विषय है। (Photo Source: Pexels)
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स्कूल से लेकर बाजार तक हर जगह जुड़वां
कोडिन्ही की गलियों में चलते हुए आपको हर उम्र के जुड़वां भाई-बहन नजर आएंगे। गांव के स्कूलों में स्थिति यह है कि 80 से ज्यादा जुड़वां बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। यहां तक कि कई बार टीचर्स भी बच्चों को पहचानने में कन्फ्यूज हो जाते हैं। (Photo Source: Pexels) -
रहस्य जिसे वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए
जुड़वां बच्चों की इतनी बड़ी संख्या देखकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं। कोडिन्ही गांव की इस अनोखी घटना को समझने के लिए 2016 में भारत, जर्मनी और लंदन के वैज्ञानिकों की टीम यहां पहुंची थी। उन्होंने ग्रामीणों के डीएनए, बाल और लार के सैंपल लेकर शोध किया, लेकिन अब तक कोई ठोस कारण सामने नहीं आ पाया है। (Photo Source: Nischay Koushal/Facebook) -
डॉक्टरों का मानना है कि यह घटना किसी जेनेटिक फैक्टर या पानी-पर्यावरण में मौजूद किसी तत्व से जुड़ी हो सकती है, लेकिन आज तक इसका वैज्ञानिक रहस्य उजागर नहीं हुआ है। (Photo Source: Pexels)
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दुनिया के और गांव जहां होता है ऐसा
कोडिन्ही अकेला ऐसा गांव नहीं है। नाइजीरिया का इग्बो-ओरा (Igbo-Ora) भी जुड़वां बच्चों के लिए प्रसिद्ध है, जहां 1000 में से 145 जुड़वां जन्म लेते हैं। इसी तरह ब्राजील के कैंडिडो गोडोई (Cândido Godói) में भी जुड़वां बच्चों की संख्या असामान्य रूप से ज्यादा है। हालांकि, इस मामले में कोडिन्ही का दूसरा स्थान है। (Photo Source: Pexels) -
जब गांव वालों को हुआ अहसास
लंबे समय तक गांव वालों ने इस अनोखी घटना को गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन कुछ साल पहले जब दो जुड़वां बहनों समीरा और फेमिना ने अपने स्कूल असाइनमेंट के दौरान यह पाया कि उनकी क्लास और स्कूल में कई जुड़वां हैं, तब गांव के लोग सचेत हुए। इसके बाद यह खबर धीरे-धीरे बाहर फैली और दुनिया का ध्यान इस गांव की ओर गया। (Photo Source: Nischay Koushal/Facebook) -
कब शुरू हुआ यह सिलसिला?
गांव के बुजुर्गों के अनुसार, कोडिन्ही में जुड़वां बच्चों का जन्म लगभग 60–70 साल पहले शुरू हुआ था। धीरे-धीरे यह सिलसिला इतना बढ़ा कि अब गांव की पहचान ही जुड़वां बच्चों से होने लगी है। (Photo Source: Pexels) -
‘ट्विन्स एंड किन एसोसिएशन’ की स्थापना
गांव की इस अनोखी खासियत को ध्यान में रखते हुए साल 2008 में यहां ‘ट्विन्स एंड किन एसोसिएशन (TAKA)’ की स्थापना की गई। इसका उद्देश्य जुड़वां बच्चों के परिवारों की मदद करना और शिक्षा-स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं को बेहतर बनाना है। (Photo Source: Nischay Koushal/Facebook)
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