बीते कुछ दिनों से मीडिया में सिर्फ जेएनयू विवाद ही छाया हुआ है। 9 फरवरी को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में कथित तौर पर देशविरोधी नारे लगने के बाद से हर रोज घटनाक्रम लगातार बदल रहा है। छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया जेल में हैं। हालांकि, अफजल गुरु के समर्थन में कार्यक्रम रखने का आरोपी उमर खालिद अब भी फरार है। इस कार्यक्रम में जेएनयू कैंपस के अलावा कथित तौर पर बाहर से आए कश्मीरी छात्र भी शामिल हुए थे। पुलिस के मुताबिक, इसी दौरान देश विरोधी नारे लगे। मामले के सामने आने के बाद शुरुआत में खालिद टीवी पर इस कार्यक्रम का बचाव करते नजर आया। हालांकि, देश विरोधी नारेबाजी के आरोपियों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज होने के बाद से वह और कुछ अन्य आरोपी फरार हैं। आगे की स्लाइड्स में जानें इस मामले से जुड़े अन्य अहम चेहरों के बारे में -
जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार। (फाइल फोटो)
जेएनयू विवाद के दौरान सबसे शर्मनाक पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में पत्रकारों और कन्हैया कुमार पर हुआ हमला और वकीलों के दो गुटों का आपस में भिड़ना रहा। इन मामलों में विक्रम सिंह चौहान नाम के वकील का नाम प्रमुखता से सामने आया। चौहान पत्रकारों से मारपीट करते वीडियो में दिखाई दिए थे। उन्होंने पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर नारेबाजी की और तिरंगा भी लहराया। एक पत्रकार के साथ मारपीट करते हुए भी वे दिखाई दिए। विक्रम सिंह चौहान के कई बीजेपी नेता से नजदीकी रिश्ते होने की बात सामने आई है। कई ऐसी तस्वीरें सामने आई, जिसमें वे गृहमंत्री राजनाथ सिंह के अलावा जेपी नड्डा, निर्मला सीतारमण और आडवाणी जैसे सीनियर बीजेपी नेताओं के साथ नजर आए। -
दिल्ली विधानसभा में भाजपा के तीन विधायकों में से एक ओ.पी. शर्मा सीपीआई कार्यकर्ता अमीक जामई की पिटाई करते कैमरे में कैद हुए। शर्मा ने कहा कि अमीक और उनके साथियों ने पाकिस्तान जिंदाबाद, भारत मुर्दाबाद के नारे लगाए। उन्होंने मना किया तो अमीक ने उनसे मारपीट की। अमीक ने कहा कि वे नारे जरूर लगा रहे थे। लेकिन ये नारे रोहित वेमुला और अरुण जेटली के बारे में थे। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस मामले में ओपी शर्मा को बुलाकर पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, बाद में उन्हें तुरंत बेल भी मिल गई।
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मामला गर्माया ही हुआ था कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जेएनयू में हुए प्रदर्शन को मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का समर्थन हासिल है। उनके ऐसा कहते ही विपक्ष ने उन्हें घेरते हुए सबूत की मांग की। सारा कन्फ्यूजन एक ट्वीट की वजह से हुआ, जो हाफिज सईद के नाम से पोस्ट किया गया था। इस ट्वीट में पाकिस्तानी लोगों से अपील की गई थी कि वे जेएनयू में हुए प्रदर्शन के समर्थन में आएं। बाद में यह सामने आया कि यह हाफिज सईद का अकाउंट नहीं था। मामले में किरकिरी होते देख गृह मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा कि राजनाथ का बयान खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर था। वहीं, हाफिज सईद ने आरोप लगाया कि गृह मंत्री उसके नाम से भारत की जनता को मूर्ख बना रहे हैं।
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कन्हैया की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे जेएनयू स्टूडेंट्स से मिलने राहुल गांधी पहुंचे। वहां उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जेएनयू के छात्रों की आवाज दबाना चाहती है। बीजेपी के कुछ नेताओं की ओर से बयान आया कि राहुल राष्ट्रविरोधियों का साथ दे रहे हैं। वहीं, एक कोर्ट में तो राहुल के खिलाफ देशद्रोहियों की मदद करने का मामला भी दर्ज हो गया। राहुल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी मिले और उन्हें देश में कथित तौर पर खराब होते हालात पर चर्चा की।
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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी जेएनयू स्टूडेंट्स के साथ खड़े नजर आए। उन्होंने भी इस मुद्दे के बहाने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी मुलाकात की। दिल्ली के सीएम ने मोदी पर हमला बोलते हुए एक विवादास्पद तस्वीर वाला ट्वीट किया। उन पर आरोप लगा कि वे हिंदू भावनाओं को भड़का रहे हैं। इसके बाद, दिल्ली के अशोकनगर थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज हो गया।