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काफी लोग ऐसे हैं जो गंगा, यमुना या फिर किसी अन्य पवित्र नदी में पैसे फेंकते हैं। लोगों का मानना है कि इससे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है। ये प्रथा प्राचीन समय से चलती आ रही है। न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के कई अन्य देशों में लोग नदी में पैसे फेंकते हैं। (Photo: Indian Express) प्रेमानंद महाराज से जानें काम छोड़कर भक्ति करना सही या गलत?
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ऐसे में आइए प्रेमानंद महाराज से जानते हैं इस बात में कितनी सच्चाई है और नदी में पैसा फेंकना चाहिए या नहीं? अगर नहीं तो फिर क्या करें? (Photo: Indian Express)
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प्रेमानंद महाराज के वृंदावन धाम आया एक भक्त प्रश्न करता है कि क्या पवित्र नदियों में सिक्के डालने की कोई धार्मिक मान्यता है? (Photo: Indian Express)
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इस पर प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि, गंगा जी या यमुना जी हों उनमें पैसे फेंकने की कोई मान्यता नहीं है। यह लोगों द्वारा खुद की बनाई गई धारणा है। (Photo: PremanandJi Maharaj/FB) अगर बिल्ली रास्ता काट दे या कोई टोटका कर दे तो क्या करें? प्रेमानंद महाराज ने बताया एकदम सरल उपाय
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पवित्र नदियों में पैसे फेंकने के बजाय एक रुपये का आटा ले लें और गोली बनाकर उसमें डाल दें तो मछली, कछुआ और उस नदी में रहने वाले अन्य जीव खा लेंगे। पैसे डालने से कुछ नहीं होगा और न ही किसी के काम आएगा। (Photo: PremanandJi Maharaj/FB)
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प्रेमानंद महाराज के अनुसार गंगा-यमुना या अन्य पवित्र नदियों में पैसे डालने का कोई शास्त्र आज्ञा नहीं है। किसी भी शास्त्र में ऐसा करना नहीं लिखा गया है। यह सब मनमानी आचरण है। (Photo: PremanandJi Maharaj/FB)
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पैसे का सही इस्तेमाल करें
अगर आप इतने ही बड़े भक्त हैं तो फिर उस पैसे से कोई वस्तु खरीदकर किसी जरूरतमंद दो दान कर दें। प्रेमानंद महाराज के अनुसार एक-एक रुपया अगर किसी को दान करना है तो एक गुल्लक में इकट्ठा कर लें। (Photo: Pexels) प्रेमानंद महाराज ने बताया भगवान से मन्नत मांगने का सही तरीका, ऐसे लोगों को लगाई डांट -
गुल्लक में जब 100 रुपये इकट्ठा हो जाए तो इससे हरा चारा खरीद लें और गाय को डाल दें या फिर 100 रुपये किसी बीमार आदमी को दे दें। किसी को इन पैसे का भोजन करा दें। गली-कूचे में बैठे गरीब जो हमारी मदद की उम्मीद में बैठे हुए हैं उन्हें भोजन करा दें। नदी में पैसे फेंकने से कोई फायदा नहीं होगा। (Photo: PremanandJi Maharaj/FB)
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वहीं, वैज्ञानिक रूस देखें तो प्राचीन समय में सिक्के तांबे के बने होते थे और तांबा पानी को शुद्ध करने का काम करता है। जिसके चलते लोग पानी में पैसे फेंकते थे। लेकिन वर्तमान समय में सिक्के स्टील या फिर अन्य धातुओं से बने होते हैं जो पानी को शुद्ध नहीं कर सकते। (Photo: Indian Express) घर में कुत्ता पालना चाहिए या नहीं? प्रेमानंद महाराज से जानें
