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कई बार हमारे पर नकली करेंसी भी होती है जिसकी जानकारी किसी दुकान वाले या बैंक द्वारा बताए जाने पर होती है। 10 रुपये के सिक्के भी मार्केट में काफी नकली आ चुके हैं। (Photo: Pexels)
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ऐसे में आइए जानते हैं 10 रुपये के नकली सिक्के की कैसे पहचान करें और एक सिक्को को बनाने में कितना खर्च आता है। (Photo: Pexels)
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10 रुपये का सिक्का दो रंग का नजर आता है। बाहरी हिस्सा पीले रंग का और अंदर का हिस्सा सिल्वर रंग का होता है। 10 रुपये का सिस्का बाइ-मेटैलिक होता ह। नकली सिक्के का वजन कम या ज्यादा हो सकता है और साथ ही आकार में भी असमानता हो सकती है। (Photo: Pexels)
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असली सिक्के के दो हिस्से होते हैं। बाहरी हिस्सा एलुमिनियम-ब्रॉन्ज और बीच का निकल ब्राॉन्ज से बना होता है। रंग एक समान और चमकदार होता है। (Photo: Pexels)
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वहीं, नकली सिस्के का रंग फीका या भी असमान हो सकता है। वहीं, छूने पर अगर धातु की गुणवत्ता कमजोर लग रही है तो भी ये नकली हो सकता है। (Photo: Pexels)
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असली सिक्के पर एक तरफ अशोक स्तंभ और भारत व इंडिया लिखा होता है। वहीं, दूसरे ओर 10 रुपये के साथ कमल का फूल या अन्य प्रकीत होते हैं। (Photo: Jansatta)
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कुछ सिक्कों पर 10 रुपये नहीं लिखा होता है। वहीं, असली सिक्के के किनारे पर महीने रेखाएं (रिज्ड एज) बनी होती है। (Photo: Jansatta)
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नकली सिक्के की नक्काशी में धुंधलापन, गलत वर्तनी या डिजाइन में गड़बड़ी हो सकती है। वहीं, किनारे चिकने या कम साफ हो सकते हैं। (Photo: Pexels)
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गिरने पर अगर लंबी और धात्विक आवाज सुनाई देती है तो असली है। वहीं, निकली सिक्के के गिरने पर खोखली ध्वनी उत्तपन्न होती है। (Photo: Pexels)
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साथ ही असली सिक्का हल्का चुंबकीय होता है। यह चुंबक पर हल्का चिपकेगा। वहीं, नकली सिक्का या तो चुंबक से मजबूती से चिपक जाएगा या फिर बिल्कुल नहीं चिपकेगा। (Photo: Pexels)
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कितना आता है खर्च
आरबीआई ने साल 1018 में एक रिपोर्ट जारी करते हुए बताया था कि 10 रुपये का सिक्का बनाने में 5.54 रुपये का खर्च आता है। (Photo: Pexels)