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भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। डॉ. भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की थी। भारत के संविधान का निर्माता डॉ भीम राव अंबेडकर को कहा जाता है। लेकिन, संविधान के निर्माण में कई महिलाओं का भी अहम योगदान था। (Photo: Indian Express)
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इतनी महिलाओं ने लिखा है संविधान 26 जनवरी 1950 में लागू हुए देश के संविधान के निर्माण में 389 लोग शामिल थे जिसमें से 15 महिलाएं भी थीं। संविधान दिवस के मौके पर आइए जानते हैं इन महिलाओं के बारे में जिन्होंने देश के संविधान को गढ़ने में अहम भूमिका निभाई थी। (Photo: Indian Express)
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अम्मू स्वामीनाथन
अम्मू स्वामीनाथन ने स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। केरल के पालघाट जिले में जन्मीं अम्मू स्वामीनाथन 1946 में संविधान सभा की सदस्य थीं। 1952 में वो राज्यसभा की सदस्य चुनी गई थीं। वहीं, 1975 में उन्हें ‘मदर ऑफ दी ईयर’ चुना गया था। (Photo: Indian Express) -
विजया लक्ष्मी पंडित
भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने में विजया लक्ष्मी पंडित का भी अहम योगदान रहा। वो देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की बहन थीं। इसके साथ ही कैबिनेट मंत्री के पद पर काबिज होने वाली वो पहली भारतीय महिला थीं। वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष बनने वाली विश्व की पहली महिला थीं। (Photo: Indian Express) -
दक्षायनी वेलायुधन
दक्षायनी वेलायुधन संविधान सभा की एकमात्र दलित महिला सदस्य थीं। संविधान सभा में जाति आधारित भेदभाव को मिटाने के लिए उन्होंने जोरदार तर्क दिए थे। इसके साथ ही वो भारत की अनुसूचित जाति की स्नातक करने वाली पहली महिला थीं। (Photo: Indian Express) कौन हैं Dr K Vasuki? क्या सच में केलर ने नियुक्त किया अपना ‘विदेश सचिव’ -
सरोजिनी नायडू
भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने में अहम योगदान देने वाली 15 महिलाओं में से एक सरोजिनी नायडू भी थीं। असहयोग आंदोलन के साथ ही कई अन्य आंदोलनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाली सरोजिनी नायडू कई बार जेल भी गईं। भारत की पहली मलिहा राज्यपाल उन्हीं को बनाया गया था। (Photo: Indian Express) -
बेगम एजाज रसूल
भारतीय संविधान सभा में शामिल होने वाली बेगम एजाज रसूल एकमात्र मुस्लिम महिला थीं। साल 2000 में सरकार ने उन्हें समाज सेवा में योगदान के लिए ‘पद्म भूषण’ अवॉर्ड से नवाजा था। (Photo: Indian Express) -
दुर्गाबाई देशमुख
संविधान सभा की सदस्य दुर्गाबाई देशमुख 12 साल की ही उम्र से आंदोलनों में सक्रिय थीं। महिला शिक्षा और अधिकार के लिए उन्होंने 1936 में ‘आंध्र महिला सभा’ की स्थापना की थी। 1975 में उन्हें ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया गया था। (Photo: Indian Express) -
राजकुमारी अमृत कौर
राजकुमारी अमृत कौर को देश सेवा के लिए ‘राजकुमारी’ की उपाधि दी गई थी। वो भारत की पहली स्वास्थ्य मंत्री थीं जो इस पद पर दस वर्ष तक काबिज रहीं। उन्होंने ही AIIMS टीवी संघ और कुष्ठ रोग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान की स्थापना की थी। (Photo: Indian Express) -
हंसा जीवराज मेहता
हंसा जीवराज मेहता भी भारतीय संविधान सभा में शामिल होने वाली महिलाओं में से एक थीं। (Photo: Indian Express) -
लीला रॉय
महिलाओं के मताधिकार सहित अन्य अधिकार देने के लिए आवाज बुलंद करने वाली लीला रॉय भी संविधान सभा सदस्य थीं। वो नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ भी काम कर रही थीं। देश छोड़ने से पहले नेताजी ने उनके पति और उन्हें पार्टी का पूरा प्रभार सौंप दिया था। (Photo: IBangla) -
ये महिलाएं भी थीं सदस्य
मालती चौधरी, रोनुका रे, एनी मास्कारेन, सुचेता कृपलानी, पूर्णिमा बनर्जी और कमला चौधरी भी संविधान सभा की 15 महिलाओं में शामिल थीं। (Photo: Indian Express) सिर्फ Indira Gandhi ही नहीं, इनकी भी सरकारों में लग चुका है Emergency
