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भारत के एक कृषि प्रधान देश है लेकिन आधुनिकता के जमाने में अधिक लोग साइंस, आर्ट या फिर कॉमर्स से जुड़े कोर्स करते हैं। कृषि क्षेत्र से भी कई ऐसे कोर्सेस हैं जो कम ही लोगों को पता हैं। (Photo Source: Freepik) 12वीं बाद जरूर कर लें कम्प्यूटर का यह कोर्स, आईटी सेक्टर ही नहीं सरकारी नौकरी में भी है काफी डिमांड
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कृषि से जुड़े कुछ ऐसे कोर्सेस हैं जिन्हें करने के बाद अच्छे पैकेज पर नौकरी लग सकती है। आइए जानते हैं कौन-कौन से कोर्सेस हैं: (Photo Source: Freepik)
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1- बीएससी हॉर्टिकल्चर (B.Sc Horticulture)
बीएससी हॉर्टिकल्चर यानी बागवानी विज्ञान का कोर्स 12वीं के बाद कर सकते हैं। यह चार साल का स्नातक कोर्स है। इसमें फलों, सब्जियों, फूलों, मसालों, औषधीय पौधों और बागवानी से जुड़ी आधुनिक तकनीकों की पढ़ाई कराई जाती है। इसे पूरा करने के बाद सरकारी नौकरी के अलावा कई प्राइवेट सेक्टर में अच्छे पैकेज पर नौकरी लग सकती है। (Photo Source: Freepik) -
2- बीएससी एग्रीकल्चर (B.Sc Agriculture)
एग्रीकल्चकर के क्षेत्र करा सबसे आम और अहम कोर्स बीएससी एग्रीकल्चर है। यह भी चार साल का स्नातक कोर्स है जिसमें खेती, फसल उत्पादन, मिट्टी, बीज, सिंचाई, कृषि तकनीक और कृषि प्रबंधन से जुड़ी पढ़ाई कराई जाती है। (Photo Source: Indian Express) AI के जमाने में कौन से स्किल्स सबसे ज्यादा डिमांड में हैं, मोटी सैलरी के लिए कर लें पांच में से कोई भी एक कोर्स -
3- बीएससी फॉरेस्ट्री (B.Sc Forestry)
कृषि क्षेत्र में पढ़ाई करना चाहते हैं तो बीएससी फॉरेस्ट्री यानी वानिकी विज्ञान में भी स्नातक कर सकते हैं। यह वन एवं पर्यावरण आधारित कोर्स है, जिसमें जंगलों के संरक्षण, वन्यजीव, पर्यावरण संतुलन और प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन की पढ़ाई होती है। इसकी भी अवधि चार वर्षों की होती है। (Photo Source: Freepik) -
4- बीएससी एग्रीकल्चरल इकोनॉमिक्स (B.Sc Agricultural Economics)
12वीं के बाद अगर कृषि से जुड़ा कोर्स करना चाहते हैं तो बीएससी एग्रीकल्चरल इकोनॉमिक्स भी कर सकते हैं। यह भी चार वर्षों का स्नातक कोर्स होता है जिसे करने के बाद कई सरकारी नौकरी के रास्ते खुल जाते हैं और कृषि से जुड़े क्षेत्रों में अच्छी पैकेज पर नौकरी लग सकती है। (Photo Source: Freepik) -
5- बीएससी प्लांट पैथोलॉजी (B.Sc Plant Pathology)
बीएससी प्लांट पैथोलॉजी भी 12वीं के बाद कर सकते हैं। इसकी अवधि चार वर्षों की होती है। इसे पौध रोग विज्ञान भी कहते हैं जिसमें पौधों में होने वाली बीमारियों, उनके कारण, पहचान, रोकथाम और उपचार के बारे में पढ़ाया जाता है। यह कोर्स फसल को नुकसान से बचाने और उत्पादन बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। (Photo Source: Freepik) दिल्ली यूनिवर्सिटी से सस्ते में कर सकते हैं ये 7 डिमांडिंग लैंग्वेज कोर्सेस, एक भी सीख लिया तो लाइफ सेट