-
फरवरी महीने में भारत समेत पूरी दुनिया में भांति-भांति के उत्सव मनाए जाते हैं। ऐसे में अगर आप एक बोरिंग टूर के बजाए उस जगह की स्थानीय संस्कृति की झलक देखना चाहते हैं, उसमें घुलना-मिलना चाहते हैं तो यह वक्त बिलकुल मुफीद है। आगे की स्लाइड्स में जानें फरवरी में पूरी दुनिया में मनाए जाने वाले उत्सवों के बारे में
रंग महोत्सव (नई दिल्ली, जम्मू, तिरुवनंतपुरम, भुवनेश्वर में 21 फरवरी तक): देश के प्रतिष्ठित नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा की ओर से आयोजित किए जाने वाला रंग महोत्सव एक सालाना थियेटर फेस्टिवल है। एनएसडी, जिसने देश को नसीरूद्दीन शाह, अनुपम खेर और ओम पुरी जैसे महान एक्टर दिए हैं। इस साल रंग महोत्सव के 17वें संस्करण में 13 देशों के 82 प्ले 23 भाषाओं में प्रस्तुत किए जाएंगे। इस बार का थीम है- ब्रेकिंग द बॉर्डर्स। अबकी पहली बार रंग महोत्सव में कॉलेज बैंड्स का रॉक शो और थिएटर बाजार भी होगा। इस बाजार से लोग थिएटर से जुड़ी चीजें मसलन-मास्क, कॉस्ट्यूम, मेकअप और कठपुलियां खरीद सकेंगे। (Source: Express Photo by Amit Mehra) -
सूरजकुंड मेला (हरियाणा, 15 फरवरी तक): यह एक मशहूर हस्तशिल्प मेला है, जिसमें पूरे भारत के आर्टिस्ट, पेंटर्स, बुनकर और मूर्तिकार अपनी कला के प्रदर्शन के लिए इकट्ठा होते हैं। यहां पेंटिंग्स, लकड़ी के बने सामान, टेक्सटाइल, बर्तन, पत्थर, टेराकोटा और घास से बनी चीजें मिलती हैं। खरीदारी के अलावा यहां लोक संगीत, नृत्य और ग्रामीण खान पान की झलक देखने को मिलती है। यहां हर साल एक राज्य को थीम स्टेट घोषित किया जाता है ताकि वहां की समृद्ध संस्कृति को बढ़ावा दिया जा सके। इस साल तेलंगाना राज्य पर फोकस किया गया है।
ब्राजील के रियो डी जेनेरो में होने वाला कार्निवल शायद दुनिया के सबसे मशहूर कार्निवल में से एक है। यहां लाखों स्थानीय लोगों के अलावा करीब 50 हजार विदेशी हर साल आते हैं। रियो डी जेनेरो में लोग चमकीले कपड़ों में सड़क पर नाचते, गाते और जश्न मनाते नजर आते हैं। यहां का सांबा डांस भी बेहद फेमस है। (Source: Wikimedia Commons) -
बैटल्स ऑफ द ऑरेंजेस (इटली 6 से 9 फरवरी तक): स्पेन में होने वाले टोमाटिना फेस्टिवल से मिलता जुलता उत्सव। फर्क सिर्फ इतना है कि यहां टमाटर की जगह संतरों का इस्तेमाल होता है। बैटल ऑफ द आॅरेंजेस का आयोजन इटली के आईवेरा में होता है। लोग एक दूसरे पर संतरे फेंकते हैं। करीब 5 लाख किलो संतरों का इस्तेमाल होता है। (Source: Gio-S.p.o.t.s via Flickr)
-
काला घोड़ा फेस्टिवल (मुंबई 6 से 14 फरवरी तक): मुंबई शहर की शान माने वाले काला घोड़ा उत्सव की शुरुआत 1999 में हुई थी। इसका मकसद कला को बढ़ावा देना और संरक्षित करना है। यह कार्यक्रम अपने भव्य इवेंट्स के लिए जाना जाता है, जहां कला प्रेमियों के लिए बहुत सारे विकल्प मौजूद होते हैं। यहां विजुअल आर्ट्स, म्यूजिक, थिएटर, सिनेमा, लिटरेचर, वर्कशॉप, हेरिटेज वॉक्स, शहरी डिजाइन और आर्किटेक्चर, फूड से जुड़े सेक्शंस होते हैं। (Source: Harini Calamur via Flickr)
लोसर (तिब्बत 8 फरवरी): यह तिब्बत में नए साल का जश्न है। यह तिब्बती लोगों के सबसे मशहूर उत्सवों में से एक है। इस दिन होने वाली प्रार्थनाओं की अगुआई खुद दलाई लामा करते हैं। ये प्रार्थनाएं बौद्धनाथ स्तूप में होती हैं। इस धार्मिक अनुष्ठान के जरिए सदियों से चली आ रही अच्छाई और बुराई की लड़ाई को जाहिर किया जाता है। तिब्बती महंत मशहूर मास्क वाला डांस पेश करते हैं। स्तूप को सजाया जाता है। इलाके के हर घर की सफाई और शुद्धिकरण होता है। लोग आपस में उपहारों, चावल से बनी वाइन और दूसरी खानेपीने वाली चीजों का आदान-प्रदान करते हैं। चीनी नया साल (8 फरवरी): चीनियों के किसी भी पर्व के मुकाबले यह सबसे बड़ा आयोजन है। इसे मनाने की परंपरा करीब 4 हजार साल पुरानी है। हर साल इसे एक पशु की ऊर्जा से जोड़कर मनाया जाता है। 2016 को बंदर का साल घोषित किया गया है। इसके रीति रिवाज बहुत कुछ क्रिसमस से मिलते जुलते हैं, जहां लोग धार्मिक अनुष्ठान, साफ-सफाई और सजावट करने के अलावा एक दूसरे को उपहार देते हैं। आयोजन करीब 15 दिन चलता है। (Source: Wikimedia Commons) वैलेंटाइंस डे: पूरी दुनिया में इसे प्यार के त्योहार के तौर पर मनाया जाता है। हालांकि, भारत में भी इससे मिलता जुलता इतिहास रहा है। प्राचीन भारत में प्रेम के देवता माने जाने वाले कामदेव की पूजा होती थी। कामसूत्र और खजुराहो के शिल्प में वे नजर आते हैं। मध्ययुगीन काल में कामदेव की पूजा बंद हो गई। हालांकि, भारत में एमटीवी के उदय और हालमार्क और आर्चीज जैसी कार्ड बनाने वाली कंपनियों के आने के बाद कामदेव को मुख्यधारा में एक बार फिर जगह मिली। पारंपरिक तरीके से कामदेव की पूजा तो नहीं होती, लेकिन इस दिन को देश का युवा प्यार के दिन के तौर पर मनाता है। वे अपने साथी के साथ घूमने जाते हैं और एक दूसरे को गिफ्ट देते हैं। (Source: Thinkstock Images) -
पिंग्जी स्काई लैन्टर्न फेस्टिवल, ताइवान (19 फरवरी): यहां हर साल करीब डेढ़ लाख गुब्बारे रात को आसमान में छोड़े जाते हैं। इन गुब्बारों पर लोग अपने सपने और इच्छाएं लिखते हैं। (Source: Sheng-Fa Lin via Flickr)
हदाका मस्तूरी, जापान (20 फरवरी): इसे नेकेड फेस्टिवल ऑफ जापान के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि, इस नाम से कन्फ्यूज होने की जरूरत नहीं है। इस दिन हजारों जापानी लोग बेहद ठंडे पानी में दौड़ते हैं। मुख्य कार्यक्रम में लोग एक कंपटीशन में हिस्सा लेते हैं, जिसमें मंदिर के पुजारी ऊपर से कुछ स्टिक फेंकते हैं, जिसे पकड़ने की होड़ मचती है। विजेता को 'भाग्यशाली शख्स' घोषित किया जाता है। (Source: Hiromy via Flickr) -
जैसलमेर डेजर्ट फेस्टिवल (20 फरवरी): यह कार्यक्रम रेगिस्तानी इलाकों के रंगीन और समृद्ध जीवनशैली का परिचायक है। इस कार्यक्रम में मूंछों और पगड़ी बांधने की प्रतियोगिता होती है। मिस मूमल और मिस्टर डेजर्ट जैसी प्रतियोगियाएं भी होती हैं। इसके अलावा, पारंपरिक नाच गाना, संगीत तो है ही। इस दिन लोकल पोलो क्लब और बीएसएफ के बीच ऊंट की दौड़ भी होती है।
-
खजुराहो फेस्टिवल, (मध्य प्रदेश 25 फरवरी से दो मार्च तक): यह एक हफ्ते तक चलने वाला क्लासिकल डांस फेस्टिवल है। कत्थक, भरतनाट्यम, ओडिशी, कुचीपुड़ी, मणिपुरी, कत्थकली जैसी नृत्य विधाओं से जुड़े मशहूर डांसर खजुराहो के प्रकाशमान मंदिरों के सामने प्रस्तुतियां देते हैं। इस डांस फेस्टिवल की पूरी दुनिया में प्रतिष्ठा है। अब यहां आधुनिक नृत्य विधाओं को भी पेश करने की मंजूरी मिली है। (Source: Krishna via Flickr)
-
अबू सिंबल फेस्टिवल (मिस्र 22 फरवरी): मिस्र में बना अबू सिंबल का मंदिर यहां के राजा रेमेसीज द्वितीय की याद में बनाया गया है। यहां साल में दो बार उत्सव मनाया जाता है। एक राजा के जन्मदिन पर जबकि दूसरे उसकी ताजपोशी के दिन पर। मंदिर के भीतरी हिस्से में प्रकाशोत्सव मनाया जाता है। यहां जुटी भीड़ म्यूजिक, डांस, शॉपिंग, खान-पान आदि में शरीक होती है। (Source: Wikimedia Commons)
-
एनविजन फेस्टिवल (कोस्टारिका 25 फरवरी): इस उत्सव में संगीत के कार्यक्रमों के अलावा आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यक्रम होते हैं। (Source: Joeshacks via Flickr)
-
पिंग्जी स्काई लैन्टर्न फेस्टिवल, ताइवान (19 फरवरी): यहां हर साल करीब डेढ़ लाख गुब्बारे रात को आसमान में छोड़े जाते हैं। इन गुब्बारों पर लोग अपने सपने और इच्छाएं लिखते हैं। (Source: Sheng-Fa Lin via Flickr)
