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भारत के 13वें प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन 92 वर्ष की आयु में गुरुवार को हुआ। उन्हें देश के आर्थिक सुधारों के शिल्पकार के रूप में जाना जाता है। उनके योगदान से भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक मानचित्र पर एक नई दिशा मिली। डॉ. सिंह का जीवन सेवा, विद्वता और नेतृत्व का अद्वितीय उदाहरण था। (PTI Photo)
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डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गाह गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की, और बाद में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की। (Photo: Indian Express)
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डॉ. मनमोहन सिंह ने 1971 में भारतीय व्यापार मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में अपना करियर शुरू किया। 1976 में वे वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार बन गए। इसके बाद उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक, एशियाई विकास बैंक के लिए भारत के अल्टरनेट गवर्नर और अंतर्राष्ट्रीय बैंक में भारत के प्रतिनिधि जैसे प्रमुख पदों पर काम किया। (Photo: Indian Express)
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1991 में, जब भारत गहरे आर्थिक संकट का सामना कर रहा था, तब वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने इकोनॉमिक लिबरलाइजेशन की नींव रखी। उनके द्वारा शुरू किए गए सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया। (Photo: Indian Express)
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डॉ. मनमोहन सिंह ने 22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। उनके नेतृत्व में कांग्रेस-प्रणीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार ने 3,656 दिनों तक शासन किया। वे भारतीय इतिहास के तीसरे सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री बने, जिनसे पहले जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी का नाम था। (Photo: Indian Express)
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2004 में सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री बनने का प्रस्ताव ठुकरा दिया और डॉ. सिंह को प्रधानमंत्री पद के लिए नियुक्त किया। यह एक असामान्य पावर शेयरिंग मॉडल था, जिसमें सोनिया गांधी ने ‘राजनीतिक’ फैसले लिए और डॉ. सिंह ने ‘शासन’ का जिम्मा उठाया। (Photo: REUTERS)
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डॉ. मनमोहन सिंह को इकोनॉमिक लिबरलाइजेशन के पक्षधर के रूप में जाना जाता है। उनके नेतृत्व में भारत ने उच्च विकास दर की ओर कदम बढ़ाया और वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की। उनकी नीतियों ने भारत को वैश्विक व्यापार और निवेश के केंद्र के रूप में स्थापित किया। (Photo: Indian Express)
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डॉ. सिंह का योगदान केवल अर्थव्यवस्था तक सीमित नहीं था। वे भारतीय राजनीति, सामाजिक कल्याण और कूटनीति में भी महत्वपूर्ण योगदान देने वाले नेता रहे। प्रधानमंत्री के रूप में, उन्होंने समावेशी विकास, सामाजिक कल्याण और विदेश नीति को प्राथमिकता दी। (Photo: Indian Express)
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उनके कार्यकाल के दौरान भारत ने कई वैश्विक आर्थिक संकटों को पार किया और अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी स्थिति को मजबूत किया। 2008 में, डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते का नेतृत्व किया, जिसने दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूत किया। अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के साथ उनकी यह साझेदारी ऐतिहासिक मानी जाती है। (Photo: Indian Express)
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डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन यह बताता है कि एक व्यक्ति कैसे अपने संकल्प और कड़ी मेहनत से एक साधारण से शुरुआत से प्रधानमंत्री पद तक पहुंच सकता है। डॉ. मनमोहन सिंह का संघर्ष और उनके द्वारा दिखाई गई ईमानदारी और नेतृत्व हमेशा भारतीय राजनीति में मील के पत्थर की तरह याद किया जाएगा। (Photo: Indian Express)
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आज, भारत ने एक ऐसा नेता खो दिया है जिसने देश को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत किया। उनकी दृष्टि, ईमानदारी और नेतृत्व ने राष्ट्र के इतिहास पर अमिट छाप छोड़ी। उनकी विद्वता, सादगी और सेवाभाव के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। (Photo: Indian Express)
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