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डोमेस्टिक बर्ड हमारी लाइफस्टाइल का हिस्सा होते हैं, लेकिन इनके कारण कई प्रकार की समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। खास तौर पर इनके जरिए बीमारियों का फैलना गंभीर चिंता का विषय है। यह समस्या विशेष रूप से फूड इंडस्ट्री और ऐसे स्थानों पर अधिक होती है जहां पक्षियों की अधिक आबादी होती है। (Photo Source: Pexels)
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कैसे फैलती है बीमारी?
पक्षियों के माध्यम से बीमारियां मुख्य रूप से उनके मल, पंख, घोंसले और उनमें पाए जाने वाले कीटों के जरिए फैलती हैं। पक्षियों के मल में मौजूद माइक्रोऑर्गेनिज्म हवा में मिल सकते हैं। इनके संपर्क में आए खाद्य और पेय पदार्थ संक्रमण का कारण बन सकते हैं। मृत पक्षियों को छूने से संक्रमण हो सकता है। घोंसले में मौजूद कीट जैसे मच्छर बीमारियों को फैलाते हैं। (Photo Source: Pexels) -
बीमारियों के प्रकार
पक्षियों से मनुष्यों और पशुओं में कई प्रकार की बीमारियां फैल सकती हैं। इन्हें तीन मुख्य कैटेगरी में विभाजित किया जा सकता है:
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1. बैक्टीरियल बीमारियां
सिटाकोसिस (Psittacosis):
यह बैक्टीरिया ‘Chlamydophila psittaci’ के कारण होती है। संक्रमित पक्षियों के मल और पंखों से हवा में फैले कणों को सांस के माध्यम से लेने पर संक्रमण हो सकता है।
लक्षण: पेट दर्द, सिरदर्द, बुखार, डायरिया, और गंभीर मामलों में निमोनिया। (Photo Source: Pexels) -
साल्मोनेलोसिस (Salmonellosis):
यह ‘Salmonella’ बैक्टीरिया के कारण होती है। संक्रमित भोजन और पानी के सेवन से फैलती है।
लक्षण: डायरिया, बुखार, उल्टी, मतली, और पेट दर्द। (Photo Source: Pexels) -
2. फंगल बीमारियां
क्रिप्टोकॉक्कोसिस (Cryptococcosis):
यह ‘Cryptococcus neoformans’ और ‘Cryptococcus gattii’ यीस्ट के कारण होती है। संक्रमित पक्षियों के मल से प्रदूषित मिट्टी से यह बीमारी फैलती है।
लक्षण: लंग्स और सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। (Photo Source: Pexels) -
हिस्टोप्लाज्मोसिस (Histoplasmosis):
यह ‘Histoplasma’ फंगस के कारण होती है। संक्रमित मिट्टी में मौजूद फंगस के स्पोर्स को सांस के माध्यम से लेने से यह बीमारी होती है।
लक्षण: खांसी, बुखार, थकावट। (Photo Source: Pexels) -
3. वायरल बीमारियां
एवियन इन्फ्लुएंजा (Avian Influenza):
इसे ‘बर्ड फ्लू’ भी कहते हैं। यह मुख्य रूप से ‘Influenza A’ वायरस के कारण होती है।
लक्षण: आंख, नाक, और मुंह के संपर्क से वायरस फैलता है। (Photo Source: Pexels) -
वेस्ट नाइल वायरस (West Nile Virus):
यह मच्छरों के काटने से फैलता है, जो संक्रमित पक्षियों से वायरस लेते हैं।
लक्षण: बुखार, सिरदर्द, और गंभीर मामलों में मस्तिष्क की सूजन। (Photo Source: Pexels) -
रोकथाम के उपाय
पक्षियों के घोंसले और मल को नियमित रूप से साफ करें। भोजन और पानी को ढककर रखें ताकि वह पक्षियों के संपर्क में न आए। संक्रमित पक्षियों या उनके अवशेषों से दूरी बनाए रखें। व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) का उपयोग करें, विशेष रूप से फूड इंडस्ट्री में। मच्छरों और अन्य कीटों से बचाव के उपाय करें। (Photo Source: Pexels)
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