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डिजिटल पेमेंट के दौर में भले ही ऑनलाइन लेन-देन का चलन तेजी से बढ़ गया हो, लेकिन आज भी नकदी यानी करेंसी नोट का महत्व कम नहीं हुआ है। रोजमर्रा की जिंदगी में ₹10, ₹20, ₹50, ₹100, ₹200 और ₹500 के नोटों का इस्तेमाल हम सभी करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये नोट आखिर बनते किस चीज से हैं? (Photo Source: Pexels)
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अधिकतर लोग मानते हैं कि ये नोट कागज से बने होते हैं, क्योंकि ये फट जाते हैं या गीले होने पर खराब हो जाते हैं। मगर, क्या ये वास्तव में कागज के बने होते हैं? अगर आपका जवाब ‘हां’ है, तो अब समय है इसे सुधारने का—क्योंकि भारतीय मुद्रा नोट कागज से नहीं, बल्कि 100% कॉटन (रूई) से बनाए जाते हैं। (Photo Source: Pexels)
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क्या कहता है RBI?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, करेंसी नोट सामान्य कागज से नहीं बनते। नोट बनाने में शुद्ध यानी 100% कॉटन फाइबर (कपास यानी रूई) का इस्तेमाल किया जाता है। कॉटन का यह खास मिश्रण नोटों को मजबूती, सुरक्षा और टिकाऊपन प्रदान करता है। (Photo Source: Pexels) -
यही वजह है कि भारतीय नोट न केवल मजबूत होते हैं बल्कि उनमें अत्याधुनिक सिक्योरिटी फीचर्स भी जोड़े जाते हैं, ताकि कोई भी नकली नोट तैयार न कर सके। (Photo Source: Pexels)
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क्यों कॉटन से बनते हैं नोट?
कागज की तुलना में कॉटन से बने नोट ज्यादा टिकाऊ होते हैं। ये जल्दी नहीं फटते, कई बार मोड़ने या नमी के संपर्क में आने पर भी लंबे समय तक ठीक रहते हैं। कॉटन की बनावट ऐसी होती है कि उसमें सुरक्षा चिन्हों (Security Features) को आसानी से शामिल किया जा सके। (Photo Source: Pexels) -
जैसे— वॉटरमार्क (Watermark), सिक्योरिटी थ्रेड (Security Thread), इंटैग्लियो प्रिंटिंग (Intaglio Printing), कलर शिफ्टिंग इंक (Color Shifting Ink)। इन तकनीकों के कारण नकली नोट बनाना बेहद मुश्किल हो जाता है। (Photo Source: Pexels)
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कैसे तैयार होते हैं नोट?
भारतीय मुद्रा नोटों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कॉटन मटेरियल और इंक भारत सरकार की विशेष सिक्योरिटी पेपर मिलों में तैयार किए जाते हैं। नोट तैयार करने के दौरान इसमें हाफ-सेविक सॉल्यूशन और गैटलिन जैसे तत्वों का भी उपयोग किया जाता है, जो नोट को और मजबूत व टिकाऊ बनाते हैं। (Photo Source: Pexels) -
दूसरे देशों में क्या होता है?
भारत के अलावा कई देश अपनी करेंसी के लिए अलग-अलग मटेरियल का उपयोग करते हैं। जैसे— ऑस्ट्रेलिया और कनाडा अब पॉलिमर (Plastic-like material) से नोट बनाते हैं, जो पानी में भी खराब नहीं होते और ज्यादा समय तक चलते हैं। वहीं भारत अभी भी कॉटन-बेस्ड करेंसी का उपयोग करता है, ताकि सुरक्षा और गुणवत्ता दोनों बनी रहें। (Photo Source: Pexels) -
कॉटन नोट के फायदे
जल्दी नहीं फटते, नमी या पसीने से खराब नहीं होते, सिक्योरिटी फीचर्स जोड़ना आसान, पर्यावरण के अनुकूल, और लंबे समय तक उपयोग में रहने योग्य। (Photo Source: Pexels)
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