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भारतीय संस्कृति और धार्मिकता का प्रमुख त्योहार दुर्गा पूजा विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, असम और अन्य पूर्वी राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस पावन अवसर पर देवी दुर्गा की पूजा की जाती है, और इस त्योहार से जुड़े कई पारंपरिक अनुष्ठानों का आयोजन होता है। (Express Photo)
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हाल ही में कांग्रेस भवन में आयोजित दुर्गा पूजा के दौरान धुनुची डांस और सिंदूर खेला ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। दुर्गा पूजा के आखिरी दिन, जिसे विजयादशमी या दशहरा कहा जाता है, महिलाओं के बीच सिंदूर खेला का आयोजन किया जाता है। (Express Photo)
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इस परंपरा में विवाहित महिलाएं देवी दुर्गा को सिंदूर अर्पित करती हैं और एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं, जिससे प्रेम, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। (Express Photo)
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कांग्रेस भवन में भी इस परंपरा को बहुत ही धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया गया। महिलाएं लाल रंग की साड़ी पहने हुए देवी दुर्गा की मूर्ति के समक्ष एक-दूसरे को सिंदूर लगाती नजर आईं, जिससे पूरा वातावरण लाल और प्रेममयी हो गया। (Express Photo)
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वहीं, धुनुची डांस दुर्गा पूजा के दौरान किया जाने वाला एक विशेष नृत्य है, जिसमें भक्त हाथों में धुनुची (एक प्रकार का मिट्टी का पात्र, जिसमें जलता हुआ धूप या धुनो भरा होता है) लेकर मां दुर्गा की आराधना करते हैं। (Express Photo)
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इस नृत्य का विशेष महत्व होता है क्योंकि इसे मां दुर्गा को प्रसन्न करने और उन्हें विदाई देने के रूप में देखा जाता है। कांग्रेस भवन में हुए दुर्गा पूजा के दौरान महिलाएं धुनुची लेकर माता की भक्ति में लीन नजर आईं। (Express Photo)
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ढाक की धुन और धुनुची की धुएं के साथ किया गया यह नृत्य पूरी तरह से भक्ति और ऊर्जा से भरपूर था। धुनुची डांस और सिंदूर खेला न केवल धार्मिक अनुष्ठान हैं, बल्कि ये बंगाली संस्कृति और धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा भी हैं। (Express Photo)
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कांग्रेस भवन में इस साल दुर्गा पूजा के दौरान इन पारंपरिक अनुष्ठानों का आयोजन बड़े स्तर पर हुआ, जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपने सांस्कृतिक रिवाजों को मनाया। (Express Photo)
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