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अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी बोईंग ने 10 फरवरी को भारतीय वायुसेना के लिए चार चिनूक सैन्य हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति गुजरात में मुंद्रा बंदरगाह पर की। कंपनी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सीएच47एफ (आई) चिनूक को चंडीगढ़ ले जाया जाएगा, जहां उन्हें औपचारिक तौर पर भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाएगा। चिनूक बहुद्देशीय, वर्टिकल लिफ्ट प्लेटफॉर्म हेलिकॉप्टर है जिसका इस्तेमाल सैनिकों, हथियारों, उपकरण और ईधन को ढोने में किया जाता है। इसके अलावा इसका प्रयोग देश में आई आपदा राहत बचाव कैंपेन के दौरान मानवीय सहायता के लिए भी किया जाता है। ऐसे में समय में चिनूक बड़ी संख्या में लोगों को बचाने में कामयाब हो सकता है। पाकिस्तानी आतंकी लादेन को मारने में भी इस हेलिकॉप्टर की अहम भूमिका रही है। जानिए किन-किन परिस्थितियों में देश के काम आएंगे चिनूक विमान। (All Pics- PTI/ Indian Airforce Twitter/Facebook)
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चिनूक ने पहली बार 1962 में उड़ान भरी थी। यह मल्टीमिशन श्रेणी का हेलीकॉप्टर है जो कि अमेरिकी सेना की खास ताकत है।
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चिनूक का वियतनाम से लेकर इराक के युद्धों में भी अहम योगदान है। अब इससे हमारे देश की सेना को भी ताकत मिलेगी। यह विमान न सिर्फ भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ाएगा बल्कि इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट में भी यह अपनी अहम भूमिका निभाएगा। भारत ने जिस चिनूक को खरीदा है, उसका नाम है CH-47 एफ है।
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बोइंग कंपनी ने बयान जारी कर कहा है कि सीएच-47एफ (आई) चिनूक उन्नत बहुद्देशीय हेलिकॉप्टर है जो भारतीय सशस्त्र बलों को युद्ध और मानवीय मिशन के दौरान अतुलनीय रणनीतिक एयरलिफ्ट की क्षमता मुहैया कराता है। भारतीय वायुसेना ने वर्तमान में 15 चिनूक हेलिकॉप्टर का ऑर्डर दे रखा है।
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गौरतलब है कि भारत ने बोईंग के साथ 22 अपाचे हेलिकॉप्टर और 15 चिनूक हेलिकॉप्टर खरीदने की प्रक्रिया को सितम्बर 2015 में अंतिम रूप दिया था। इस हेलिकॉप्टर का अपनी दस्ते में शामिल करने का भारतीय वायुसेना लंबे समय से इंतजार कर रही थी।
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चिनूक हेलिकॉप्टर डिजास्टर रिलीफ ऑपरेशंस के अलावा 9.6 टन तक के भार के कार्गो ले जा सकता है। यह पहाड़ी क्षेत्रों में उपयोग होने वाले ऑपरेशन के दौरान भारी मशीनरी, आर्टिलरी बंदूकें और लाइट आर्मर्ड वीकल्स जैसे चीजों का भार भी ढो सकता है।
