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भारत में पान खाने की सदियों पुरानी परंपरा है। यही कारण है कि देश के हर कोने में आपको पान के शौकीन मिल जाएंगे। वैसे तो पान का इस्तेमाल लोग खाना खाने के बाद माउथ फ्रेशनर के तौर पर करते हैं। लेकिन कई लोग मीठे पान के अलावा सादा पान और मसाला पान भी खाते हैं, जिसकी वजह से पान खाने को बुरी आदत माना जाता है। (Photo Source: Siliguri Foodies/Facebook)
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लेकिन आपको बता दें, आयुर्वेद में पान के पत्तों को औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल, पान के पत्तों में टैनिन, प्रोपेन, एल्केलॉयड और फिनाइल जैसे तमाम पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को ढेरों लाभ पहुंचाते हैं। वहीं, पान में कुछ इनग्रेडिएंट्स मिलाकर यानी मीठा पान बनाकर खाया जाता है तो यह और भी फायदेमंद हो जाता है।
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पान का पत्ता
इनग्रेडिएंट्स से पहले चलिए आपको बताते हैं पान के पत्ते के फायदे। पान के पत्ते चबाने से शरीर में दर्द और सूजन से लेकर यूरिक एसिड तक को कंट्रोल कर सकते हैं। पान डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छा माना जाता है, क्योंकि यह ग्लूकोज के स्तर को मैनेज करने का काम करता है। चोट लगने पर पान का सेवन घाव को भरने में मदद करता है। (Photo Source: Pexel) -
इसके साथ ही पान का पत्ता कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी कम करता है, जिससे दिल की सेहत बनी रहती है। इसकी पत्ती में मजबूत एंटी-कैंसर और एंटी-म्यूटाजेनिक यौगिक पाए जाते हैं, जो कैंसर को बनने से रोकते हैं। इसके अलावा इसमें एंटी-माइक्रोबियल गुण भी होते हैं, जो छोटे-मोटे बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण से बचाते हैं। (Photo Source: Pexel)
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गुलकंद
मीठे पान में गुलकंद जरूर डाला जाता है, जो गुलाब की पंखुड़ियों से बना होता है। ये एक प्राकृतिक कूलेंट है जो शरीर को ठंडक प्रदान करता है। गुलकंद स्ट्रेस को कम करने में भी मददगार होता है। -
लौंग
लौंग अपने औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है। इसमें एंटीसेप्टिक और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो मुंह की सफाई और संक्रमण को रोकने में सहायक होते हैं। इसके अलावा लौंग गले के दर्द, खराश, खांसी, जुकाम से राहत दिलाने, ब्लड सर्कुलेशन सुधारने, पाचन मजबूत करने में बहुत प्रभावी है। (Photo Source: Freepik) -
कत्था
कत्था को पान में रंग और स्वाद के लिए डाला जाता है। कत्था मुंह के छालों को कम करता है और खून की सफाई भी करता है। इसके अलावा ये भूख में भी कारगर है। -
सौंफ
सौफ मीठे पार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मीठे पान में महीन सौंफ का इस्तेमाल होता है, जो डाइजेशन को सुधारती है और आंतों को भी हेल्दी रखने का काम करती है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में सहायक होते हैं। साथ ही, सौंफ मुंह की दुर्गंध दूर करती है और ताजगी का एहसास कराती है। (Photo Source: Pexel) -
पिपरमेंट
पिपरमेंट पान को ताजगी देने का काम करता है। यह वैसे तो मुंह को साफ और फ्रेश महसूस कराने के लिए पान में डाला जाता है। लेकिन यह दर्द निवारक और उल्टी, मितली रोकने, ठंडक दिलाने, अपच और गैस को रोकने में भी कारगर रहता है। (Photo Source: Freepik)
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