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हैदराबाद के सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने 18वीं लोकसभा की कार्यवाही के दूसरे दिन संसद सदस्य के रूप में शपथ लेते वक्त ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा लगाया है जिसके बाद विवाद छिड़ गया है। (Indian Express)
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शपथ लेने के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने पहले बिस्मिल्लाह पढ़ा। इसके बाद उर्दू में शपथ ली। शपथ लेने का बाद जाते-जाते उन्होंने जय भीम, जय तेलंगाना और ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा लगया। इसके बाद उन्होंने ‘अल्लाह हू अकबर’ का भी नारा लगाया। ये वही ओवैसी हैं जिन्हें ‘जय फिलिस्तीन’ कहने में कोई हर्ज नहीं है लेकिन ‘भारत माता की जय’ बोलने में आपत्ति है।
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असदुद्दीन ओवैसी इससे पहले भी अपने कई बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं। कभी उन्होंने भारत माता की जय बोलने से इनकार किया तो कभी भाजपा-आरएसएस को लेकर विवादित बयान दिया। आइए डालते हैं एक नजर:
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कुछ साल पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि नई पीढ़ी को भारत की शान में नारे लगाने का पाठ पढ़ाया जाना चाहिए। जिसके जवाब में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि वो कभी ‘भारत माता की जय नहीं बोलेंगे भले भी उनकी गर्दन पर कोई छुरी क्यों न रख दे’।
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कुछ समय पहले ही असदुद्दीन ओवैसी ने पुलिस तक को धमकी दे दी थी। उन्होंने कहा कि पुलिस के लोग ये याद रखें कि हमेशा योगी सीएम और मोदी पीएम नहीं रहेंगे और हम मुसलमान वक्त के तीमार से खामोश जरूर हैं, मगर तुम्हारे जुल्म को भूलने वाले नहीं हैं। हम तुम्हारे जुल्म को याद रखेंगे।
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कुछ समय पहले जब यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ताजमहल पर सफाई करने पहुंचे थे तब भी ओवैसी ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि, भाजपा-आरएसएस नेताओं के दिमाग की सफाई ज्यादा जरूरी है।
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ओवैसी एक बार यह भी कह चुके हैं कि इस्लाम ही सभी लोगों का घर है। अगर दूसरे धर्म के लोग इस्लाम अपनाते हैं तो यह उनके लिए घर वापसी जैसा होगा। हर बच्चा मुस्लिम होकर ही जन्म लेता है।
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सिर्फ असदुद्दीन ओवैसी ही नहीं उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी भी हिंदुओं के खिलाफ जहर उगल चुके हैं। साल 2013 में अपने एक भाषण में अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा था, ‘अगर पुलिस को हटा दिया जाए तो देश में ‘हिंदू-मुस्लिम अनुपात’ को बराबर लाने में उन्हें केवल 15 मिनट लगेंगे’।
