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संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की हर वर्ष 14 अप्रैल को जयंती मनाई जाती है। बाबा साहेब ने भेदभाव को चुनौती दी और शिक्षा को अपना हथियार बनाया। (Photo: PTI)
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डॉ. भीमराव अंबेडकर कहते थे कि ‘शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो’, इसी मंत्र के साथ उन्होंने दलितों, श्रमिक वर्ग और महिलाओं के अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष किया। (Photo: PTI)
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बाबा साहेब कहते थे कि, हर व्यक्ति को समान अवसर मिलना चाहिए चाहे वह किसी भी जाति, वर्ग और लिंग से संबंधित क्यों न हो। (Photo: PTI)
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उच्चतम शिक्षा हासिल करने के लिए भीमराव अंबेडकर ने हर परिस्थिति का डटकर सामना किया। ऐसे में क्या आपको पता है कि देश का संविधान लिखने वाला बाबा साहेब के पास कितनी डिग्रियां थीं। (Photo: Indian Express)
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बाबा साहेब ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई से की। इसके बाद उन्होंने मुंबई के एल्फिंस्टन कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। (Photo: PTI)
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इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए जहां के कोलंबिया विश्वविद्यालय एम.ए किया और साल 1916 में पीएचडी किया। (Photo: Indian Express)
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आगे की की पढ़ाई के लिए बाबा साहेब लंदन चले गए जहां के ‘ग्रेज इन’ से उन्होंने कानून की पढ़ाई की। फिर लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस में उन्होंने डी.एससी. किया। (Photo: Indian Express)
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बाबा साहेब जर्मनी के मशहूर बॉन विश्वविद्यालय से भी पढ़ाई कर चुके हैं। (Photo: PTI)
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डॉ. भीमराव अंबेडकर 64 विषयों में मास्टर थे और 9 भाषाओं के जानकार थे। उनके नाम पर कुल 32 डिग्रियां थीं। (Photo: Indian Express)
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बाबा साहेब ने पहले भारतीय और एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से 8 साल की पढ़ाई को सिर्फ 2 साल 3 महीने में पूरा कर ‘डॉक्टर ऑफ साइंस की प्रतिष्ठित उपाधि प्राप्त की थी। (Photo: Indian Express) बाबा साहेब के 10 क्रांतिकारी विचार, बदल सकते हैं आपकी सोच