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भारत माता की जय नहीं कहने की घोषणा करने पर महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित किए गए विधायक वारिस यूसुफ पठान असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के विधायक हैं। (source- facebook)
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वारिस पठान बायकुला से विधायक हैं। वारिस पठान ने अक्टूबर 2014 में हुए चुनाव में कांग्रेस विधायक मधु चव्हाण को 1357 सीटों से हराया था। (source- facebook)
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46 साल के वारिस पठान पेशे से वकील हैं। 2014 में पहली बार एआईएमआईएम ने महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव लड़ा था और पठान सहित 36 लोगों को उम्मीदवार बनाया था। (source- facebook)
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वारिस पठान ने महाराष्ट्र में लगे बीफ बैन को बंबई हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। (source- facebook)
गोहत्या पर प्रतिबंध का विरोध करते हुए पठान ने मांग की थी कि बूढ़े बैलों को काटने को अपराध के दायरे में लाने से जुड़े कानूनों को खत्म किया जाए। (source- facebook) -
आजाद मैदान में हुए दंगों के मामले में अरेस्ट हुए कई युवकों का केस पठान ही लड़ रहे हैं। (source- facebook)
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वारिस पठान बांद्रा के टोनी वॉटरफील्ड रोड के पॉश रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स में रहते हैं। वह हर साल बड़ी सहरी पार्टियां देने के लिए भी जाने जाते हैं। (source- facebook)
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पठान आम लोगों पर होने वाले अत्याचार से जुड़े मामले भी उठाते रहे हैं। उन्होंने पुलिस द्वारा दो मुस्लिम युवकों की पिटाई का मामला सीएम देवेंद्र फडणवीस के सामने उठाया था। (source- facebook)
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चुनाव जीतने के बाद पठान ने कहा था कि उनके विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा समस्या स्वास्थ्य और एजुकेशन सेक्टर में है। उन्होंने क्लिनिक और डिस्पेंसरीज की संख्या बढ़ाने का वादा किया था। (source- facebook)
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अंतिम घड़ी में उम्मीदवार बनाया गया था। जब नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख आने में कुछ ही दिन बचे थे, तब स्थानीय कार्यकर्ताओं ने वारिस पठान का नाम सुझाया था।AIMIM के एक नेता का कहना है कि हमने एक रात उनसे बात की और अगली शाम उन्होंने चुनाव लड़ने पर हामी भर दी।
वारिस पठान ने यह भी वादा किया था कि वे बतौर विधायक किसी खास समुदाय के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए काम करेंगे। (source- facebook) -
वारिस पठान बायकुला में ही पले-बढ़े हैं। उनके पिता मुंबई में नार्कोटिक्स ड्रग्स एंड सायकोट्रॉपिक सब्सटैंस एक्ट (एनडीपीएस) जज थे। (source- facebook)
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बायकुला में मुस्लिम वोटर्स ज्यादा हैं। इसके बावजूद वारिस पठान एक दशक में बायकुला से पहले मुस्लिम विधायक हैं। (source- facebook)
युवा मतदाताओं तक पहुंच बनाने के लिए उन्होंने चाय को जरिया बनाया। वह कहते हैं, 'यहां रात को चाय पीते हैं। पोर्सलीन के कप में। नुक्कड़ों पर। बस हम भी चाय पीने लगे।' (source- facebook) -
बायकुला के एक निवासी का कहना है कि वह (वारिस पठान) भले ही टीवी पर अच्छा बोल लेते हों, पर वोटर्स से जुड़े नहीं हैं। लोगों ने उन्हें बड़ी उम्मीदों के साथ चुना था। पर मुझे अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि हमें निराशा हुई।' (source- facebook)
