रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन ने अपने सहयाेगियों को एक पत्र लिखकर दूसरा कार्यकाल ना लेने के बारे में बताया है। उन्होंने लिखा है कि वे यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में फिर से पढ़ाने के लिए लौट जाएंगे। अपने पत्र में उन्होंने अपनी 10 बिन्दुओं पर अपनी उपलब्धि गिनाई हैं। आगे के बिन्दु उनके पत्र के आधार पर उन्हीं की जुबानी: (EXPRESS ARCHIVE) -
जब मैं यहां आया, तो भारत को 'Fragile Five' (उभरते हुए वे बाजार जो अपनी आर्थिक प्रगति के लिए विदेशी निवेश पर निर्भर हों) कहा जाता था। (EXPRESS ARCHIVE)
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मैंने एक नए मौद्रिक ढांचे और एक्शन के लिए एक एजेंडा तैयार किया। (EXPRESS ARCHIVE)
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हम महंगाई को नीचे लाने और विदेश मुद्रा भंडारों को बढ़ाने पर केन्द्रित रहे। (EXPRESS ARCHIVE)
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मेरा प्लान बड़े और आम बैंकों की कमेटी के लाइसेंस पर असरदार साबित हुआ। (EXPRESS ARCHIVE)
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मैंने भारत बिल पेमेंट सिस्टम और ट्रेड रिसीवएबल एक्सचेंज के निर्माण की जिम्मेदारी ली। (EXPRESS ARCHIVE)
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मोबाइल फोन के जरिए भुगतान को बढ़ावा दिया। (EXPRESS ARCHIVE)
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एक बड़ा कर्ज डाटाबेस बनाया ताकि इस क्षेत्र में तनाव को कम किया जा सके। (EXPRESS ARCHIVE)
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अाज महंगाई पर काबू कर लिया गया है और लम्बे समय के बाद बचतकर्ताओं को ब्याज मिल रहा है। (EXPRESS ARCHIVE)
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करेंसी स्थिर है और सरकार ने पहली बार 40 साल का बॉन्ड लॉन्च किया है। (EXPRESS ARCHIVE)
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नया बैंक बोर्ड ब्यूरो PSB के गठन में काम आएगा। (EXPRESS ARCHIVE)
