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कांग्रेस ने हाल ही में महाराष्ट्र से वरिष्ठ पत्रकार कुमार केतकर को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। इसके बाद से ही इस बात पर बहस शुरू हो गई है कि पत्रकारों का राजनीति में आना कितना सही और गलत है। हालांकि केतकर ऐसे पहले पत्रकार नहीं हैं जिन्होंने पत्रकारिता छोड़कर राजनीति का दामन पकड़ा हो। उनसे पहले भी कई जाने-माने पत्रकार पत्रकारिता छोड़कर सक्रिय राजनीति में दाखिल हुए हैं। ऐसा नहीं है कि पत्रकारिता से राजनीति में आने वाले हर शख्स को यहां पर कामयाबी ही मिली हो। बल्कि कई ऐसे भी रहे जो राजनीति में वो लोकप्रियता हासिल नहीं कर पाए, जोकि पत्रकारिता में थी। आज हम ऐसे ही कुछ जाने-माने पत्रकारों की बात कर रहे हैं जो पत्रकारिता छोड़ राजनीति में आए। (Source: YouTube)
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एमजे अकबर फिलहाल नरेंद्र मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री का कार्यभार संभाल रहे हैं। राजनीति में आने से पहले वह कई जाने-माने इंग्लिश अखबारों के संपादक रह चुके हैं। उन्होंने अपने पत्रकारिता करियर में इंडिया टुडे, हेडलाइंस टुडे, द टेलीग्राफ, एशियन एज और डेक्कन क्रॉनिकल में भी काम किया है। (Source: PTI)
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आशुतोष कुछ सालों पहले तक पत्रकारिता जगत में एक जाना-पहचाना नाम थे। उन्होंने टेलीविजन न्यूज चैनल 'आज तक' और 'आईबीएन 7' में लंबे समय तक एंकरिंग की। वह साल 2014 में पत्रकारिता छोड़ आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। लोकसभा चुनाव 2014 में आशुतोष आप के उम्मीदवार थे लेकिन वह चुनाव हार गए। (Source: PTI)
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पत्रकारिता की दुनिया में एक समय अरुण शौरी के नाम का बोलबाला था। शौरी अपने पत्रकारिता करियर में द इंडियन एक्सप्रेस और टाइम्स ऑफ इंडिया के संपादक भी रहे। फिलहाल वह भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं। शौरी अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विनिवेश और सूचना प्रसारण मंत्री भी थे। (Source: Social Media)
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कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला कुछ सालों पहले हिंदी पत्रकारिता का एक जाना-माना नाम थे। इसके अलावा उन्हें एक बेहतरीन टीवी एंकर के रूप में भी जाना जाता था। उन्होंने अपने पत्रकारिता जीवन में जनसत्ता अखबार के लिए लंबे समय तक काम किया। शुक्ला को साल 2000 में कांग्रेस ने राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया था। (Source: PTI)
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चंदन मित्रा ने काफी लंबे समय तक पत्रकारिता की है। मित्रा ने अपना पत्रकारिता करियर कोलकाता में द स्टेट्समैन के सहायक संपादक के रूप में शुरू किया था। इसके बाद उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया, द संडे ऑब्जर्वर और हिंदुस्तान टाइम्स में भी काम किया। साल 2003 में भाजपा की ओर से वह राज्यसभा के लिए भेजे गए। (Source: Social Media)
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दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया।(Source: PTI)
शाजिया इल्मी ने लगभग 15 साल तक टेलीविजन न्यूज और डॉक्यूमेंट्री प्रोडक्शन के क्षेत्र में काम किया है। शाजिया साल 2012 में अन्ना हजारे के नेतृत्व में इंडिया अगेंस्ट करप्शन मूवमेंट से जुड़ीं। और फिर उन्होंने आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर लिया। साल 2014 में 'आप' छोड़ने के बाद 16 जनवरी 2015 को उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। (Source: Social Media) -
आशीष खेतान राजनीति में आने से पहले एक खोजी पत्रकार के तौर पर जाने जाते थे। तहलका मैगजीन के लिए उन्होंने कई सालों तक खोजी पत्रकारिता की। इसके अलावा उन्होंने अपना खोजी पत्रकारिता का वेब पोर्टल 'Gulail' भी शुरू किया। साल 2014 में आशीष आम आदमी पार्टी से जुड़ गए। (Express archive photo/ Harsha Vadlamani)