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भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर आज दिल्ली के निगमबोध घाट पहुंचा, जहां उनका अंतिम संस्कार धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ किया जाएगा। गुरुवार को 92 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ, जिससे पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। (PTI Photo)
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डॉ. मनमोहन सिंह, जिन्हें भारतीय आर्थिक उदारीकरण का जनक माना जाता है, का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। डॉ. मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा शनिवार सुबह कांग्रेस मुख्यालय से शुरू हुई। (PTI Photo)
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उनकी अंतिम यात्रा में भारी भीड़ देखी गई। हजारों लोग नम आंखों से उनके अंतिम दर्शन के लिए जुटे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पार्थिव शरीर के साथ आर्मी की गाड़ी में बैठे हुए नजर आए। उनका दुख और सम्मान साफ झलक रहा था। (PTI Photo)
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परिवार के सदस्यों के अलावा कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस यात्रा में शामिल हुए। पूरे रास्ते में लोग पार्थिव शरीर के पीछे पैदल चल रहे थे। निगमबोध घाट पर उनके अंतिम संस्कार के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे। (PTI Photo)
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डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में भारत और विदेश के कई प्रमुख नेता शामिल हुए। अंतिम यात्रा में भाग लेने वाले मेहमानों में भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, विपक्ष के नेता और कई अन्य नेता थे। (PTI Photo)
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विदेशी मेहमानों में भूटान नरेश और मॉरीशस के विदेश मंत्री ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। यह दिखाता है कि डॉ. मनमोहन सिंह का प्रभाव केवल भारत तक सीमित नहीं था, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उन्हें सम्मान प्राप्त था। (PTI Photo)
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भारत सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह के सम्मान में सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। सिंगापुर ने भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए अपने झंडे को आधा झुका दिया। सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त साइमन वोंग ने पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। (PTI Photo)
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डॉ. मनमोहन सिंह को भारत के आर्थिक उदारीकरण का जनक कहा जाता है। उन्होंने 1991 में वित्त मंत्री के रूप में आर्थिक सुधारों को लागू किया, जिसने भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनकी नीतियों ने भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में मजबूती से खड़ा किया। (PTI Photo)
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प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने 2004 से 2014 तक देश की सेवा की। शांत, विनम्र और दूरदर्शी व्यक्तित्व के धनी डॉ. सिंह का योगदान भारत की अर्थव्यवस्था, शिक्षा और सामाजिक कल्याण में अमूल्य रहा। डॉ. सिंह का निधन भारत के लिए अपूरणीय क्षति है। देश हमेशा उनके योगदान को याद करेगा और उनके दिखाए रास्ते पर आगे बढ़ेगा। (PTI Photo)