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लोकसभा चुनाव 2019 के बाद भी पश्चिम बंगाल में सियासी पारा उफान पर है। बंगाल में कार्यकर्ताओं की लगातार हो रही हत्याओं के चलते बुधवार (12 मई) को बीजेपी ने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान हजारों बीजेपी कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए। लेकिन इस बीच पुलिस मुख्यालय की तरफ बढ़ते बीजेपी कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। जिससे अफरातफरी का माहौल बन गया। इस दौरान आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पानी की तेज बौछारों का भी प्रयोग किया गया। बता दें कि पिछले काफी समय से सूबे में टीएमसी और बीजेपी कार्यकर्ता आमने-सामने हैं। सूबे में हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है।
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दो साल पहले भी भाजपा ने कुछ इसी तरह का मार्च कोलकाता पुलिस मुख्यालय के लिए निकाला था। उस वक्त भी पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच तीखी झड़प हुई थी।
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प्रदर्शनकारियों के उपद्रव को देखते हुए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इस घटना में कई भाजपा कार्यकर्ताओं के चोटिल होने की भी खबर आ रही है।
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बुधवार को भाजपा प्रदर्शनकारियों ने कोलकाता में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। कोलकाता के बीपेन बहेरी गांगुली स्ट्रीट पर कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों द्वारा पत्थरबाजी भी की गई।
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दो साल पहले भी भाजपा ने कुछ इसी तरह का मार्च कोलकाता पुलिस मुख्यालय के लिए निकाला था। उस वक्त भी पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच तीखी झड़प हुई थी।
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भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त होने और बीजेपी कार्यकर्ताओं की लगातार हत्या होने का आरोप लगाते हुए कोलकाता की सड़कों पर मार्च निकाला। दोपहर करीब 12 बजे सेंट्रल कोलकाता के सुबोध मुल्लिक स्क्वॉयर से यह मार्च शुरू हुआ और लाल बाजार स्थिति पुलिस मुख्यालय तक जाना था।
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दर्शनकारी लाल बाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय की ओर बढ़ रहे थे। गांगुली स्ट्रीट पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। बैरिकेडिंग को तोड़ने की कोशिश की।
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प्रदर्शनकारियों के उपद्रव को देखते हुए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इस घटना में कई भाजपा कार्यकर्ताओं के चोटिल होने की भी खबर आ रही है।