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हम अक्सर मानते हैं कि हमारी थकान का सबसे बड़ा कारण तनाव या ज्यादा काम करना है। लेकिन ज्यूरिख के एक प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट ने दिमाग के काम करने के तरीके पर ऐसा खुलासा किया है, जो काफी चौंकाने वाला है। उनका कहना है कि तनाव से ज्यादा दिमाग को थकाने वाली आदत ओवरथिंकिंग यानी बार-बार किसी बात को सोचना है। (Photo Source: Pexels)
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क्या है ओवरथिंकिंग?
ओवरथिंकिंग वह स्थिति है, जब आप किसी समस्या या घटना पर लगातार सोचते रहते हैं, लेकिन उसका कोई हल नहीं निकलता। (Photo Source: Pexels) -
न्यूरोलॉजिस्ट के अनुसार, यह स्थिति दिमाग के लिए बिलकुल वैसी ही है जैसे टीवी को ‘स्टैंडबाय’ मोड पर छोड़ देना। यह चालू तो नहीं होता, लेकिन अंदर ही अंदर लगातार एनर्जी खर्च करता रहता है। (Photo Source: Pexels)
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खास रूप से उन्होंने बताया कि बड़ी घटनाओं के बाद भी दिमाग जल्दी ठीक हो जाता है, लेकिन दिनभर छोटी-छोटी बातों को बार-बार सोचने वाले लोगों का दिमाग सुस्त, सूजा हुआ और धुंधला दिखता है। (Photo Source: Pexels)
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उदाहरण से समझें
डॉक्टर ने एक केस शेयर किया, जिसमें एक व्यक्ति 9 घंटे सोने के बावजूद थका हुआ महसूस कर रहा था। कारण था – उसका दिमाग दिन का लगभग 70% समय छोटी-छोटी बातों को दोहराने और चिंता करने में लगा रहता था। यही ओवरथिंकिंग की सबसे बड़ी समस्या है। (Photo Source: Pexels) -
ओवरथिंकिंग से कैसे छुटकारा पाएं
अच्छी खबर यह है कि इस आदत को तोड़ना बहुत आसान है। न्यूरोलॉजिस्ट के अनुसार, दिमाग के इस लूप को तोड़ने के लिए बस 30 सेकंड का कोई भी शारीरिक काम करना पर्याप्त है। (Photo Source: Pexels) -
कुछ आसान उपाय हैं
चेहरे पर ठंडा पानी मारना, तेजी से सीढ़ियां चढ़ना, मुट्ठी जोर से मसलना, कोई पसंदीदा धुन गुनगुनाना। इन सरल शारीरिक गतिविधियों से दिमाग को प्रोसेसिंग को रोकने का मौका मिलता है और थकान कम महसूस होती है। (Photo Source: Pexels) -
ब्रेक देना जरूरी है
डॉक्टर का कहना है कि हम इसलिए थकते हैं क्योंकि दिमाग को लगातार काम करने से रोक नहीं पाते। ज्यादा काम करने से नहीं, बल्कि दिमाग को आराम और ब्रेक न देने से थकावट आती है। इसलिए दिन में कुछ समय सिर्फ अपने दिमाग को ‘रीस्टार्ट’ करने के लिए जरूर निकालें। (Photo Source: Pexels)
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