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कई ऐसे रिती रिवाज हैं जिन्हें लोग सदियों से निभाते आ रहे हैं। कई चीजों को धार्मिकता से जोड़ा गया है तो कुछ के पीछे वैज्ञानिक महत्व भी है। भारत में कई चीजों हैं जिन्हें लोग सदियों से निभाते चले आ रहे हैं। इनके पीछे सिर्फ धार्मिक महत्व ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारण भी है। जिसमें से एक है नींबू मिर्च का टोटका। (Photo: Pinterest) टच वुड क्यों कहा जाता है, कैसे हुई थी इसकी शुरुआत और क्या है मतलब?
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दरअसल, लोग अपनी दुकान के दरवाजे या फिर वाहनों के आगे एक नींबू और कई हरी या लाल मिर्चियों की माला लटकाते हैं। क्या आपने सोचा है ऐसा क्यों करते हैं और इसके पीछे क्या करण है। आइए जानते हैं: (Photo: Pinterest)
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अधिकतर लोग इसे बुरी नजर से बचने का टोटका मानते हैं। यह सदियों पुरानी परंपरा है जो पूरे भारत में देखने को मिलती है, जिसमें गहरे आध्यात्मिक अर्थ के साथ-साथ वैज्ञानिक कारण भी छिपा हुआ है। नींबू-मिर्ची की यह साधारण-सी दिखने वाली माला लोककथाओं, मनोविज्ञान, कीट नियंत्रण और ज्योतिष में काफी महत्व है। (Photo: Pinterest)
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ज्योतिषीय मान्यता
भारतीय ज्योतिष के अनुसार, शनि ग्रह अगर कुंडली में अशुभ स्थिति में हो तो जीवन में रुकावटें और परेशानियां ला सकता है। ऐसे में मंगलवार और शनिवार के दिन नींबू-मिर्ची की माला लटकाने से शनि के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है। (Photo: Pinterest) क्यों लगाते हैं भगवान पर चंदन का लेप और माथे पर तिलक, सेहत से कैसे जुड़ा है यह अध्यात्म -
यह भी मान्यता है कि माला अपने आसपास के नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर को खुद में समा लेती है। इस माला को एक सप्ताह बाद यानी सात दिन बाद फेंक दिया जाता है ताकि सारी बुरी ऊर्जा भी उसी के साथ चली जाए। (Photo: Pexels)
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क्या इसके पीछे विज्ञान भी है?
वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो नींबू में साइट्रिक एसिड और मिर्च में कैपसाइसिन पाया जाता है और ये दोनों ही प्राकृतिक कीट भगाने वाले तत्व होते हैं। (Photo: Freepik) -
पुराने समय में जब केमिकल वाले मच्छर-रोधी या कीट-नाशक नहीं होते थे तब लोग नींबू-मिर्च को घरों और दुकानों के बाहर लटकाते थे ताकि मक्खियां, मच्छर और छोटे कीड़े दूर रहें। हवा में नींबू और मिर्च एक प्राकृतिक सुरक्षा कवच की तरह काम करते हैं। (Photo: Pexels) मंदिर या फिर वृक्षों के चारों ओर परिक्रमा क्यों करते हैं? क्या कहते हैं इसे
