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आज के समय के बच्चे काफी आगे हैं। कई स्टडीज में यह बताया जा चुका है कि आज के समय के 5-10 साल के बच्चों को वो चीजें पता हैं जो उन्हें 15-16 साल की उम्र में पता होना चाहिए था। (Photo: Freepik) बच्चों के लिए 10 मजेदार एजुकेशनल गेम्स, जो पढ़ाई को बनाएंगे मजेदार! मस्ती के साथ दिमाग भी बनेगा स्मार्ट
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पैरेंट्स बच्चों की कई बातों को इग्नोर कर देते हैं यह सोच कर की अभी उसकी उम्र ही कितनी है। लेकिन कई चीजें आगे चलकर आपको परेशान कर सकती हैं जिसमें से एक है एक्टिव लिसनर की समस्या। आइए जानते हैं ये क्या है और कैसे अपने बच्चे में ये आदत डालें। (Photo: Pexels)
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चाहे छोटा हो या बड़ा हर किसी के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उसमें किसी भी बात को ध्यान से सुनने और कुछ सीखने की आदत हो। लेकिन बच्चों में यह कला तब डेवलप होगी जब आप बचपन से ही आदत डालेंगे। (Photo: Freepik)
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काफी बच्चों में यह देखा गया है कि वह माता-पिता या फिर अपने अध्यापक की बात ध्यान से नहीं सुनते। सामने वाले की बातों को वो इग्नोर कर देते हैं। लेकिन माता-पिता को बच्चों की यह आदत जरा भी नजरअंदाज नहीं करनी चाहिए। दरअसल, बच्चा सामने वाली की बात जब ध्यान से सुनेगा तभी कुछ सीख पाएगा। (Photo: Freepik)
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क्या है एक्टिव लिसनिंग?
हर माता-पिता को अपने बच्चे को एक्टिव लिसनर बनाना बेहद जरूरी है। एक्टिव लिसनिंग का मतलब होता है कि सामने वाला व्यक्ति जो भी बात कह रहा है उसे ध्यान से सुनना और समझने की कोशिश करना। अगर अपने बच्चे में आने ये आदत डाल दी तो यह उन्हें न सिर्फ प्रॉब्लम सॉल्विंग, लीडरशिप और टीम वर्क जैसे स्किल्स डेवलप होते हैं बल्कि पूरे भविष्य के लिए बेहतर साबित होगा। (Photo: Freepik) -
यहां कुछ तरीके बताए गए हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चे के अंदर एक्टिव लिसनर की क्वालिटी डेवलप कर सकते हैं। आइए जानते हैं: (Photo: Freepik)
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1- स्टोरी मेकिंग गेम
बच्चों को एक्टिव लिसनर बनाने का सबसे बेहतर तरीका है उनके साथ कहानी बनाने का खेल खेलें। इसके लिए आप कोई शब्द या विषय देकर बोलें कि इस पर कहानी सुनाए। इससे सोचने की क्षमता का विकास होता है। या फिर आप कोई स्टोरी सुनाते हुए बीच में रुक जाएं और बच्चे से पूछे की उसे क्या लगता है कि अब आगे क्या होगा। (Photo: Freepik) -
2- आई कॉन्टेक्ट
आंखों में देखकर बात करने से एकाग्रता बढ़ती है जिससे वह अपने आप बातों को ध्यान से सुनेगा। इसके लिए आपको बच्चे को सिखाना होगा की जब कोई बात करे या वो अपनी बात रखे तो सामने वाले की आंखों में देखें। (Photo: Freepik) -
3- इंटरैक्टिव एक्टिविटी
बच्चों को लगातार बैठाकर कुछ नहीं सिखाया जा सकता है। वो चंचल होते हैं ऐसे में उनके साथ उनके ही भाषा में सिखाएंगे तो वो आपकी बातों को बेहतर तरीके से सीख सकेंगे। इसके लिए आप उन्हें कोई कहानी या फैमिली की अच्छी बात बताते हुए बीच में रुक जाएं और सवाल करें। इससे बच्चे को मजा आएगा और वह ध्यान से सुनना भी सीख जाएगा। (Photo: Pexels) -
4- शब्दावली पर ध्यान दें
अक्सर हम यह देखते हैं बच्चे कई बातों को इग्नोर कर देते हैं ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें समझ ही नहीं आता है कि कहा क्या जा रहा है। इसके लिए बच्चों की शब्दावली बढ़ाएं। (Photo: Pexels) -
5- सबसे जरूरी यह काम
बच्चे आपकी बातों को ध्यान से तभी सुनेंगे जब आप उनकी बातों पर ध्यान देंगे। अगर बच्चा कुछ कह रहा है तो उसकी बातों को ध्यान से सुनें और पूरा होने पर रिएक्ट करें। बीच में उसे रोक देने से बच्चों की भावनाएं आहत होती हैं। (Photo: Freepik) चाणक्य नीति से जानें सही पेरेंटिंग टिप्स, ऐसे माता-पिता बच्चों के शत्रु समान होते हैं