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उत्तराखंड के गढ़वाल (Garhwal of Uttarakhand) के एक गांव में जन्मे योगी आदित्यनाथ उर्फ अजय सिंह बिष्ट (Ajay Singh Bisht) का परिवार ट्रांसपोर्ट बिजनेस से जुड़ा है, लेकिन योगी अपने घर के पहले वह सदस्य हैं जो संन्यास की राह पर चल पड़े। हेमवतीनंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय, गढ़वाल (Hemvatinandan Bahuguna University, Garhwal, Uttarakhand) से विज्ञान स्नातक (Bachelor of Science) योगी राजनीति के यंग एंग्री मैन कैसे बने चलिए जानते हैं।
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बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार योगी का राजनीति में आना महज एक संयोग था और इसकी वजह था एक झगड़ा। इसे भी पढ़ें- शादी से लेकर बीमारी तक की मदद के लिए योगी के जनता दरबार आते हैं फरियादी, जानें कैसे पहुंचे सीएम तक
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गोरखपुर के मुख्य बाजार गोलघर में गोरखनाथ मंदिर से संचालित इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले कुछ छात्र एक दुकान पर कपड़ा खरीदने गए थे।
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यहां दुकानदारों से लड़कों का विवाद हो गया और यह इतना बढ़ा कि दुकानदार ने रिवॉल्वर निकाल लिया था। इसे भी पढ़ें- योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में लोगों के कंधे पर सुरक्षाकर्मी क्यों रखते हैं हाथ? जानें वजह
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दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग छात्रों ने की थी और इसकी अगुवाई योगी आदित्यनाथ ने की थी। योगी के तेवर और उग्र रूप ने उनके राजनीति में आने का द्वार खोल दिया था। इसे भी पढ़ें- ‘योगी हैं तो पहाड़ में तपस्या क्यों नहीं करते’, जब सीएम योगी आदित्यनाथ से मुस्लिम शख्स ने पूछा था सवाल
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हालांकि, योगी ने कुछ समय पहले ही 15 फरवरी 1994 को नाथ संप्रदाय के सबसे प्रमुख मठ गोरखनाथ मंदिर के उत्तराधिकारी के रूप में अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ से दीक्षा ली थी। इसे भी पढ़ें- देखें, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ कुछ अलग अंंदाज में तस्वीरें
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समाज और जनता के लोक कल्याण के लिए योगी की गोरखपुर में यंग एंग्री मैन के रूप में यहीं से एंट्री हुई थी। Photos: Social Media
