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Pratapgarh’s Kunda MLA Raja Bhaiya: राजा भैया की हनक और रुतबे से तो ज्यादातर लोग वाकिफ हैं, लेकिन उनके राजा उदय प्रताप सिंह के बारे में लोगों को कम पता है। राजा उदय प्रताप सिंह भदरी रियासत के उत्तराधिकारी रहे हैं, लेकिन कभी उन्होंने अपने बेटे के लिए अपनी हनक का प्रयोग नहीं किया।
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बसपा कार्यकाल में पोटा लगने में जेल गए राजा भैया के लिए कभी राजा उदय ने किसी नेता के आगे हाथ नहीं जोड़ा था। इसे भी पढ़ें- तो क्या राजा भैया ने 19 साल में लड़ी थी विधायकी
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बात राजा भैया के चुनाव प्रचार, रैली या वोट मांगने की करें तो कभी राजा उदय उनके साथ नहीं खड़े होते। इसे भी पढ़ें- जब बीच सड़क में राजा भैया ने इमरजेंसी में उतारा था अपना एयरक्राफ्ट
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राजा उदय प्रताप सिंह ने कभी हाथ जोड़कर लोगों से राजा भैया के लिए वोट नहीं मांगा। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा तो यह भी जाता है कि वह वोटिंग भी नहीं करते। इसे भी पढ़ें- राजा भैया कि बेटियां घुड़सवारी और शूटिंग में हैं चैंपियन
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प्रयागराज से लखनऊ जाते समय रास्ते में कुंडा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत भदरी पड़ता है। कभी यहां अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध की रणनीतियां बनाई जाती थीं और अब यहां पर्यावरण सुरक्षा पर चर्चाएं होती हैं। राजा उदय पर्यावरण प्रेमी माने जाते हैं।
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राजा राय बजरंग बहादुर सिंह (1905-1970) स्वतंत्रता सेनानी व हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे। वे अवध प्रतापगढ़ की रियासत भदरी के राजा थे, लेकिन उनकी कोई अपनी संतान नहीं थी। तब उन्होंने अपने भतीजे राजा उदय प्रताप सिंह को भदरी का उतराधिकारी बनाया था।
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भदरी नरेश राजा उदय प्रताप सिंह के अंतर्गत आने वाले पूरे क्षेत्र में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों पर अर्थदंड लगाया जाता है इसके अलावा भदरी रियासत के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में तेज हार्न बजाने की भी मनाही है।
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पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़े महाराज ने एक टीम बनाई है जो पेड़ पौधों को काटने वालों पर जुर्माना लगाया जाता है। इसे भी पढ़ें- राजा भैया के गढ़ में चुनौती देती रही हैं ये राजकुमारी
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राजा उदय प्रताप सिंह ने भारत के प्रतिष्ठित दून स्कूल के अलावा जापान विश्वविद्यालय से एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन किया है।
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बता दें कि राजा उदय प्रताप सिंह धार्मिक कार्यों में विशेष रुचि रखते हैं।
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Photos: Social Media