-
रघुराज प्रताप सिंह (Raguraj Pratap Singh) कुंडा से विधायक है और राजकुमारी रत्ना (Ratna Singh) कुंडा से सांसद रही हैं। राजा भैया के गढ़ में अगर कोई उन्हें चुनौती देता रहा है तो वह राजकुमारी रत्ना रही हैं। पहले कांग्रेस और अब बीजेपी के साथ राजकुमारी के जुड़ने से उनका वर्चस्व कुंडा में और बढ़ चुका है। तो चलिए राजकुमारी रत्ना और राजा भैया की अदावत के बारे में विस्तार से जानें।
-
कुंडा के क्षत्रिय बाहुबली विधायक राजा भैया भदरी राजघराने के हैं, जबकि राजकुमारी रत्ना सिंह कलाकांकर राजघराने से जड़ी है।
-
राजकुमारी रत्ना सिंह के परदादा कांग्रेस के संस्थापकों में शामिल थे। रत्ना सिंह का परिवार शुरू से ही कांग्रेसी रहा है। अप्रैल 1959 को जन्मीं रत्ना सिंह के पिता राजा दिनेश सिंह इंदिरा गांधी के करीबी माने जाते थे। हालांकि, अब रत्ना बीजेपी का दामन थाम चुकी हैं।
-
राजकुमारी रत्ना सिंह की शादी राजा जय सिंह सिसोदिया से हुई है। दोनों के दो बच्चे, एक बेटा और एक बेटी हैं। बेटे भुवन्यू सिंह बिजनेसमैन हैं। बेटी का नाम तनुश्री सिंह है।
-
कुंडा में भदरी और कालाकांकर राजघराने में अदावत हमेशा से रही है। चुनावी संग्राम में ये अदावत ज्यादा ही नजर आती है। राजा भैया निर्दलीय के बाद आपनी पार्टी बना चुके हैं, वहीं राजकुमारी रत्ना कांग्रेस के बाद अब बीजेपी के साथ खड़ी हो चुकी हैं।
-
राजकुमारी रत्ना सिंह प्रतापगढ़ से कांग्रेस के टिकट पर तीन बार चुनाव जीतकर संसद में पहुंचीं। साल 1996 और 1999 में चुनाव जीतना राजा भैया को नागवार गुजरा और उन्होंने राजकुमारी के अपोजिट अपने चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह को खड़ा कर दिया।
-
साल 2004 में भदरी रियासत के अक्षय प्रताप सिंह से राजकुमारी रत्ना हार गईं, लेकिन इस हार का बदला उन्होंने 2009 जीत कर ले लिया। हालांकि इसके बाद मोदी लहर में वह कोई चुनाव नहीं जीत सकीं।
-
मोदी की हवा देखकर रत्ना ने 2019 में कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया।
-
राजकुमारी रत्ना के बीजेपी में आने से राजा भैया को झटका जरूर लगा। राजा भैया के संबंध बसपा से पहले से ही खराब थे। उधर, योगी से संबंध अच्छे होने के कारण सपा से भी उनका संबंध बिगड़ गया था।
-
ऐसे में प्रतापगढ़ के ये दो विरोधी राजघराने अब एक ही राजनैतिक पार्टी के छत्रछाया में आ चुके हैं।
-
पहले कांग्रेस में रहते हुए रत्ना ने राजा भैया पर वोटिंग के समय मतदाताओं को धमकाने और कांग्रेस को वोट न करने का आरोपल लगाया था। ऐसे में अब राजकुमारी के बीजेपी में शामिल होने से राजा भैया के चुनावी समीकरण बिगड़ गए हैं।
-
अब देखना ये है कि बीजेपी 2022 में राजकुमारी रत्ना को प्रतापगढ़ से टिकट देती है या नहीं।
-
(All Photos: PTI)