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यूपी के प्रतापगढ़ के कालाकांकर राजघराने की बेटी और जयपुर के प्रतापगढ़ राजघराने के राजा जय सिंह सिसोदिया की पत्नी राजकुमारी रत्ना सिंह (Princess Ratna Singh) हाल ही में दो वजहों से चर्चा में थीं। साल 2019 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई राजकुमारी रत्ना ने कुंडा के विधायक राजा भैया (Raja Bhaiya) के सियासी जंग में नई चुनौती दे दी थी। वहीं, अपने पति राजा जय सिंह के खिलाफ कोर्ट में केस करने के कारण भी वह चर्चा में रहीं।
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प्रतापगढ़ के कालाकांर राजघराने की राजकुमारी रत्ना दो राजघरानें की वारिस हैं। जयपुर के सिसोदिया राजघराने के साथ ही वह अपने मायके कालाकांर राजघराने की भी वारिस हैं। इसे भी पढ़ें- राजा भैया के गढ़ में चुनौती देती हैं ये राजकुमारी
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राजा दिनेश सिंह की छह बेटियों में सबसे छोटी बेटी राजकुमारी रत्ना को कालाकांकर रियासत की विरासत मिली है। प्रतापगढ़ से ही वह तीन बार कांग्रेस की सांसद भी रही हैं।
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प्रतापगढ़ के भदरी रियासत और कालाकांकर रियासत में हमेशा से राजैनतिक मतभेद रहा है। कालाकांकर रियासत आजादी के बाद कांग्रेसी हो गया था वहीं, राजा भैया का भदरी रियासत विश्व हिंदू परिषद् से जुड़ा हुआ है। इसे भी पढ़ें- राजा भैया के लिए कभी उनके पिता ने नहीं जोड़े हाथ
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राजा भैया ने राजकुमारी रत्ना के विरुद्ध अपने भाई समान अक्षय प्रताप सिंह को 2004 में लोकसभा चुनाव में खड़ा किया था। इस चुनाव को रत्ना हार गई थीं,लेकिन 2009 में उन्होंने अक्षय प्रताप को हरा कर वापस संसदीय कुर्सी पा ली थी। राजा भैया और राजकुमारी में हमेशा ही शह-मात का खेल चलता रहा है।
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उधर राजकुमारी रत्ना अपने पारिवारिक विवाद को लेकर भी चर्चा में रही हैं। राजकुमारी शादी जयपुर के राजा जय सिंह सियोदिया से हुई है, लेकिन राजकुमारी ने अपने पति पर ड्रग्स और शराब के कारण संपत्ति बर्बादी का केस कर चर्चा में आ गई थीं।
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राजस्थान-गुजरात के पूर्व राजघराने और महाराणा प्रताप के वंशज परिवार की सदस्य पूर्व राजकुमारी रतना सिंह पति राजा जय सिंह की जायदाद का कानूनी संरक्षण पाने के लिए मुंबई हाईकोर्ट चली गई थीं। इसे भी पढ़ें- तो क्या राजा भैया ने 19 साल में लड़ा था विधायक का चुनाव?
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राजकुमारी ने कोर्ट में कहा था कि राजा जय सिंह सिसौदिया को कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियां हैं और वह दूसरों पर वह दूसरों पर निर्भर हैं। ऐसे में उन्हें जायदाद का कानूनी संरक्षक बना दिया जाए ताकि वह अपने बच्चों की देखभाल में उसका सही इस्तेमाल कर सकें।
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तब कोर्ट ने राजकुमारी रतना को सुझाव दिया था कि वह याचिका संविधान की धारा-226 के तहत दायर करें क्योंकि उनके बच्चे बड़े हैं और वह मौजूदा दायर केस के तहत कानूनी संरक्षक पाने की अधिकारी नहीं हैं। बता दें कि इससे पहले उन्होंने अपनी याचिका गार्जियन वार्ड्स एक्ट-1890 के तहत हाईकोर्ट में दायर की थी।
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बता दें कि इसके बाद राजकुमारी रत्ना ने कोर्ट से केस वापस ले लिया था। राजकुमारी रत्ना अधिकतर अपने कालाकांकर रियासत में ही रहती हैं।
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2009 में नेशनल इलेक्शन वाच नाम के एक एनजीओ के मुताबिक़ वह देश की सबसे अमीर महिला सांसद में गिनती की थीं। उस समय उनके पास 67 करोड़ 82 लाख रुपये की सम्पत्ति थी।
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Photos: PTI And Social Media